Book Title: Jain Itihas Author(s): Publisher: ZZZ Unknown View full book textPage 9
________________ स्थानकवासी जैन इतिहास. जैन धर्म के आदि प्रचारक क्षत्रिय हैं. क्षत्रियों ने अपनी शूरवीरता के कारण संसार के इतिहासों में बडा नाम पाया है परंतु उन्होंने एक महान् धर्म का, जो हम को आत्मा पर विजय पाना सिखलाता है, प्रचारक बन कर इस से भी अधिक यश प्राप्त किया है, क्योंकि प्रबल शत्रुओं की सेना को जीतने की अपेक्षा आत्मा पर विजय प्राप्त करना कहीं अधिक कठिन है । ___इसी सुप्रसिद्ध श्रेष्ठ और यशस्वी क्षत्रिय जाति ने श्री ऋषभदेव से लेकर श्री महावीर तक चौवीस जैन तीर्थकरों को जन्म दिया है । इन महात्माओं ने इस असार संसार के क्षणिक सुख और संपत्ति पर लात मारकर साधुओ का अत्यंत सरल और संयमशील जीवन पसंद किया और संसार में “ अहिंसा परमो धर्मः " नामके सर्वोत्कृष्ट सिद्धांत का प्रचार किया।Page Navigation
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