Book Title: Jain Itihas
Author(s): 
Publisher: ZZZ Unknown

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Page 7
________________ आवश्यक संशोधन किये हैं और प्रूफ-संशोधन में भी बड़ा परिश्रम उठाया है। उनकी इस अपूर्व सहायता के लिए मैं हृदय से उनका आभारी हूं। इस पुस्तक के लिखने और छपाने में मुझे कई असुविधाओं का सामना करना पड़ा है। आशा है मेरे सूज्ञ पाठक पुस्तक की त्रुटियों के लिए मुझे क्षमा करेंगे। -अन्वेशक.

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