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वीर सम्वत् १००० से उत्तरवर्ती आचार्य ]
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"जब मगध के राजा बालादित्य ने मिहिरकुल के अत्याचारों के सम्बन्ध में 'सुना तो उसने अपने राज्य की सीमाओं की सुरक्षा के लिये प्रयत्न किया और मिहिरकुल को कर देना बन्द कर दिया । इस पर मिहिरकुल ने क्रुद्ध होकर उस पर आक्रमण कर दिया । बालादित्य ने उस युद्ध में मिहिरकुल को पूर्णरूपेण पराजित कर बन्दी बना लिया । कालान्तर में मिहिरकुल की माता की प्रार्थना पर बालादित्य ने उसे मुक्त कर दिया। मिहिरकुल की पराजय के समाचार सुन कर उसके छोटे भाई ने उसके राज्य पर अधिकार कर लिया था । इस कारण मिहिरकुल ने बालादित्य के कारागार से मुक्त होते ही काश्मीर में शरण ली । कुछ ही समय पश्चात् उसने काश्मीर के राजा को मारकर काश्मीर पर अपना अधिकार जमा लिया । तदनन्तर उसने गान्धार प्रदेश पर अधिकार कर वहां के बौद्ध संघारामों को नष्ट किया ।"
अधिकांश इतिहासकार चीनी यात्री के इस विवरण को इसलिये प्रामारिक नहीं मानते कि राजतरंगिणी के उल्लेखानुसार मिहिरकुल का पहले से ही काश्मीर पर अधिकार था। अधिकांश विद्वान् मन्दसौर के विजयस्तम्भ के उपरोक्त शिलालेख को ही प्रामाणिक मानते हैं ।
विचार करने पर चीनी यात्री के यात्रा विवरण पर भी सन्देह करने का कोई कारण प्रतीत नहीं होता । यह संभव है कि मिहिरकुल को यशोधर्मा ने पराजित किया हो । मंदसौर के विजयस्तम्भ के शिलालेख की अंतिम पंक्ति "चूड़ापुष्पोपहारैर् मिहिरकुलनृपेणाचितं पादयुग्मम्" से स्पष्ट रूपेरण यही प्रकट होता है कि यशोधर्मा ने मिहिरकुल को पराजित कर न तो मारा ही और न बन्दी ही बनाया । केवल उसने उससे अपने चरणयुगल की सेवा करवाई - उसे अपना अधीनस्थ करदाता राजा बना कर छोड़ दिया। उसके पश्चात् मिहिरकुल की शक्ति को क्षीण हुई देखकर संभवत: बालादित्य ने मिहिरकुल को कर देना बन्द किया हो और इस कारण उसने बालादित्य पर आक्रमण कर दिया हो। इस पर संभवतः उन दोनों के बीच युद्ध हुआ हो और उसमें बालादित्य ने मिहिरकुल को, जिसकी कि शक्ति यशोधर्मा ने पहले ही क्षीरण कर दी थी, बन्दी बना लिया हो। जहां तक काश्मीर राज्य का प्रश्न है, मिहिरकुल ने काश्मीर विजय पहले ही कर ली थी । उसका राज्य बलख से मध्यप्रदेश तक और पूर्वी भारत में कौशाम्बी तक फैला हुआ था । परन्तु जब वह यशोवर्धन और बालादित्य से युद्धों में उलझा रहा और दोनों ही युद्धों में पराजित हुआ तो संभव है उस समय काश्मीर पर उसी के द्वारा नियत किये हुए शासक ने अधिकार कर लिया हो और काश्मीर में शरण ले उसने येन केन प्रकारेण पुनः काश्मीर राज्य पर अधिकार कर लिया हो ।
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