Book Title: Jain Dharma ka Maulik Itihas Part 3
Author(s): Hastimal Maharaj
Publisher: Jain Itihas Samiti Jaipur

Previous | Next

Page 876
________________ ८१८ ] [ जैन धर्म का मौलिक इतिहास, भाग ३ नहुष-३०० नयकीर्ति-१६५, ३१३ नयनकीर्ति-१३६ न्याय विजयजी-४३३ नरचन्द्र-१३७ नरनन्दि-१३७ नरसिंह (नन्निय गंग)-२७१ नरसिंह देव-३१५, ३१८, ३१६, ३२३, ३२४ नरसिंह रायबहादुर ५३७ नरसिंह वर्मन-४८६, ४८७, ५४१, ५४२, ५४३, ५४४, ६२५ नरसिंह वर्मा-३०७ नरवर्द्धन-५०५ नरहरियप्प-६२६ नरेन्द्र कोति-१३८ नरेन्द्र पुरोहित-४०४ नागचन्द्र-१३७, २५० नागार्जुन-१३१, २३३, ७६२ नागदण्ड-२६६ नाग-४४६, ४६४ नागभट्ट-६६०, ६६१ नागहस्ति-४४४, ४४५, ६५४ नागलदेवी-२८०, ३१३ नाग वर्मा-३१७ नागावलोक-६६० नागेन्द्र-७२५ नाट्टिकप्पटारार-१८३ नाथूराम-१२१, १२५, २०५ नानक जी स्वामी-३८३ नाभिकीति-१३६ नालकूर अमलनेमी-१८३ नालकूर कुरत्ती-१८३ नायपुत्त (महावीर)- ३६४ नारायण-६५१ नालगुण्ड-७६२ निकलंक-५३२, ५३३, ५३४, ५३५, ५३६ निम्बदेव-१४३, १५२, १५४, १५५, १५६ १६७, १६६, १७०, १७१, १७२, १७५, १७६, १८६ निरूपम-२६७ निवृत्ति-७२५ नीतिमार्ग-२६१, २६८ नीना-५७६ नीलकंठ शास्त्री डा. के. ए.-३०३, ३०४, ४७५, ४८६, ५०६, ५४१, ५४२ ७८२ नृपकाम-१५, ३०२, ३०३ नपतुग-२६८, ४६३, ६७४, ७६३ नेदुमार-४७३ नेह-५७६ नेमचन्द्र-१३७ नेमीचन्द्र-१३६, १६३, १६४, १७६, १८० १८१, १८२, १६३, २४६ ।। नेमिचन्द्र भण्डारी-१०३ नेमीचन्द्र भांडागारिक-१०३ नेमिनाथ-१६६, १७५, २५७, २५६, ७८० नोलम्बाधिराज-२६८ प पंचस्तूपान्वयी-६५०, ६६५, ६६७ पट्टिनी कुरत्तियार-१८३ पट्टिनी भट्टार-१६८, १८३, १७४ पण्डारम-४६८ पप-१३८, ७८४ पद्मनाभन एस.-१८६, १६०, २२३, २२४, - २५६, ४४३ पग्रनन्दि-१३८, १३६, १५०, १५१, २४४ २७६, २८४, ६१३ पद्मनाथ स्वामी-३८३, ७०४, ७०५ पपावती-१४, १६, १८२, १६४, २४१, २६६, ३०० परदेशी-२२८ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 874 875 876 877 878 879 880 881 882 883 884 885 886 887 888 889 890 891 892 893 894 895 896 897 898 899 900 901 902 903 904 905 906 907 908 909 910 911 912 913 914 915 916 917 918 919 920 921 922 923 924 925 926 927 928 929 930 931 932 933 934