Book Title: Jain Dharma ka Maulik Itihas Part 3
Author(s): Hastimal Maharaj
Publisher: Jain Itihas Samiti Jaipur
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८१०
1
अय्यन - ६१६
प्रर्ककीर्ति - १६, १७, २६१, ६१८, ६१६
बलि - १४, १५०, २४७, ६४६, ६५३ नन्दि सिद्धान्तदेव - १७१
अरहन्त
-३४८
रहनेमि कुरत्ति - १८४
श्ररिकेसरी वर्मन - ५४३
अरिष्टनेमि - ६१२, ६४६, ६५०,७८६
अरिसिंह - ७६६
ग्ररूमलिदेव- २६६
प्रल्लट-६८५, ६८६, ६८७, ७००, ७०१,
७०२. ७१२
अविनीत- २६५, २८७, २८८, ५४२ अशोक - २३६, २३८
प्रष्टोपवासी- २४२, ७८६
भा
आकाशवत्र - ४६५
श्रादित्य- १६७, ७६३
आदित्य चोल - २८४, ३०८
आदित्य वर्द्धन - ५०५, ५०६
आदिनाथ - २४५, ५०५. ६८७ ६८६, ७०२, ७०३, ७५१. ७८२
आनंद- २२८. ५७६
आनन्द गिरी - ५५०. ५६४
श्राम ४६६, ५६१. ५६२. ५६३, ५६४, ५६५. ५६६, ५६७, ५६८, ५६६, ६००, ६०१. ६०२, ६०३, ६०६, ६०७, ६०८, ६०६, ६१०, ६११, ६१२, ६५१, ६५६. ६६०, ६६१
आर्जवयति ५७० ७०८ आश्विन ८०१
ग्रामग-२१७
ह
इडियम ३१६
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[ जैन धर्म का मौलिक इतिहास भाग - ३
sadडंग - ६१९
इत्सिंग- ५११
इन्द्र- ४७४, ६२६, ६५६, ७६२ इन्द्रकीर्ति - २६३
इन्द्र नन्दि- २६४, २६७, ४४५, ६५३,
७४४
इन्द्र-नीति-वर्ष - २६४
इन्द्रभूति-२२७
इन्द्रायुध - ६४४, ६४८, ६४६
इन्दु - २८८, २६६, २६७ इन्दुराज गंगगांगेय - २८१, २६६ इम्मड़ि - ३१४, ३१५, ३२१
ईरेयषा - २६८
ईश्वर सूरी - ५३०, ६८५
उ
उद्दण्ड वेलायुध भारती - ४६३ उद्दायन- २२८
उदयचन्द्र - १६५
उदयप्रभ सूरी - ५२८ ५२६. ७६६
उदयभद्र सूरी - ५३०
उदयादित्य - २७२. ३०५. ३०६ उद्योतन - ६४२, ६४३, ६४७ उद्योतनसूरी-८५. ८७, ११५, ११६, ३८७, ३८८, ३६२, ४४६, ४४७, ४६५, ६४१, ६४२, ६४३, ६४४, ६४६, ६४७, ६५१, ६५७, ६५८, ६७६, ६६, ७३०, ७३१, ७३६. ७४०. ७४१
उमरण ऋषि - ७४५
उमरण - ३८३
उमरकोट-४६५
उमा स्वाति - ४६२, ४६३. ६७६
उल्ल - ७३२, ७३३
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