Book Title: Jain Dharma ka Maulik Itihas Part 3
Author(s): Hastimal Maharaj
Publisher: Jain Itihas Samiti Jaipur
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शब्दानुक्रमणिका ]
[८११
एक्कलदेव-२७१ एकल-२४४ एकल रस-२४४ एकांतद रमैया-२५६, ४८०, ५५० एच-३०६, ३२२, ३२३ एचए-३२२ एचल देवी-३०४, ३०५ एडय-६६६ एनाडि कुटनन-१६८, १८३, १८८ एरग-२७१ एरग गंग-२६६ एरिग-२६६ एरे गंग-२६६ एरेयंम-३०४, ३०५, ३०६ एलम्बल्ली देंकिसेट्टि-२४४ एलाचार्य-२६८, ६५४
कनक कीर्ती-१६५ कनकनन्दि-१६५. १६६ कनकनन्दि विद्य-२४७ कनकियर्रास-२७१ कन्नर-२६०, ७६३ कनिंघम-६३७ कनिष्क-५, २२१ कनिष्क-३८०, ३६१ कपदि-२६२ कम्ब-२५६, २६१, २६२ कमल प्रभाचार्य-६८ कर्क कक्क-२८६, २६४, २६५, २६६,
२१८ क्रकच्च-५४६, ५६५ कर्ण-५२६ कर्दम-७१३ कलधौतनन्दि-१६५ क्लनिले देव-२४२ कलम्बे-२६८ कल्पाक-५७६ कलश प्रभ-७०६ कल्हण-५५३. ६१७, ६२३, ६२४, ६३०,
६३१, ६३२, ६३३, ६३५. ६३६,
ऐचिराज-३२२ ऐरेयप्पा-६२५, ६२६
प्रोजदेव-१७१ प्रोडयदेव-४८७, ४६६. ४६७
ऋषभदेव-१, २, १६६, २५६, ३४६, ३५३,
४४६, ४४७, ६४१, ६४४, ६८७, ६८६, ७५४, ७८०, ७८२
कल्याण कीर्ती-१६५ कल्याण विजय-१०७, ६७६, ७०८ कल्वर कल्वन-४६८ कृष्ण-२६०, २६२, २६३, २६४, २६६,
६२८, ६२६, ६४४, ६४८, ६५७, ६५८, ६६३, ६६४. ६६५, ७६२.
ककुरुन्तिगल चेई-१८७ कंगुवर्मन-२८१ कंचगी भट्ट-२७४ कंचन-२६६. २७० कडुगोन-४७२ कणादगुप्त-५५१ कदम्ब-१८० कदम्ब सिंगी-२८७
कृष्णस्वामी एस-४७६ कृष्ण वर्मन-२८३ कृष्ण वर्मा-२८५ कृष्ण ऋषि-४६५, ४६६, ६५१, ६६५ काकू-४१७
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