________________
Version 001: remember to check http://www.AtmaDharma.com for updates इन्द्रियज्ञान... ज्ञान नहीं है
जानी जीव की मान्यता
• आँख से रूप को नहीं देखता हूँ
• मैं कान से नहीं सुनता हूँ
• मैं नाक से नहीं सूंघता हूँ • मैं जीभ से नहीं चाखता हूँ,
• मैं स्पर्शइन्द्रिय से स्पर्श नहीं करता हूँ
FENCRUC
मैं
छह द्रव्य को नहीं जानता हूँ
इस प्रकार पर को नहीं जानता हुआ, केवल जाननहार आत्मा को ही अंतरंग में जानता हुआ, इन्द्रियज्ञान से भेदज्ञान करके ज्ञानी अतीन्द्रिय ज्ञानमय होता हुआ जितेन्द्रिय जिन है ।
Please inform us of any errors on rajesh@AtmaDharma.com