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गीता दर्शन भाग-7 *
इसलिए कोई किताब आपको बदल नहीं सकती। कोई किताब | सिर्फ चित्र होते हैं। और आई चिंग ऐसी रहस्यपूर्ण किताब है कि आपको रूपांतरित नहीं कर सकती। क्योंकि किताब का अर्थ कौन कोई भी वचन साफ नहीं है। किसी वचन का कोई साफ मतलब करेगा? आप गीता पढ़ेंगे, माना; लेकिन उस गीता से जो मतलब नहीं है; धुंधला-धुंधला है। निकालेंगे, वे आपके ही होंगे, वह आपका ही अहंकार होगा; ऐसे ही जैसे कि आप आकाश में देखें, बादल घिरे हैं; और उसका ही प्रक्षेपण होगा।
बादलों में जो भी चित्र आप देखना चाहें, देख लें। आपको घोड़ा और हम किताब से वही निकाल लेते हैं, उस पर ही हमारा ध्यान बनाना हो, तो घोड़ा बन जाए; हाथी बनाना हो, तो हाथी बन जाए। जाता है, जो हमारी चित्त-दशा होती है।
जो भी आपको बनाना हो। क्योंकि बादल तो-न वहां हाथी है, न ___ मैंने एक घटना सुनी है। पता नहीं सच है या झूठ। बंगला देश | वहां घोड़ा है-सिर्फ धुआं है उड़ता हुआ। रेखाएं प्रतिपल बदल में याह्या खान ने अपनी सारी ताकतें लगा दीं। और रोज-रोज | रही हैं। आप उनमें कोई भी कल्पना कर लें, वह आपको दिखाई सूर्यास्त होने लगा। तो वह बहुत घबड़ाया हुआ था। और उसने पड़ना शुरू हो जाएगा। अमेरिकी राजदूत को बुलाया कि हमें और शस्त्रास्त्रों की जरूरत चांद पर बच्चे देखते हैं कि बुढ़िया चरखा चला रही है। वह पड़ेगी। इसके पहले कि अमेरिकी राजदूत आए, उसने बाइबिल उनको दिखाई पड़ने लगता है। एक बार खयाल में आ जाए, फिर पलटनी शुरू की इस खयाल से कि कुछ बाइबिल से दो-चार वचन दिखाई पड़ना शुरू हो जाता है। याद कर ले, तो अमेरिकी राजदूत को बाइबिल के आधार पर आई चिंग को लोग पढ़ते हैं; उनका जो अपना प्रश्न है, उसके प्रभावित करना आसान होगा।
| हिसाब से वे उत्तर निकाल लेते हैं। उत्तर उसमें मिल जाते हैं। लोग उसने किताब पलटी। जिस वाक्य पर पहली उसकी नजर पड़ी, | सोचते हैं, बड़ी अनूठी किताब है। अनूठी सिर्फ इसलिए है कि तो वह थोड़ा धक्का खाया। पहला वचन जो उसने देखा, वह था, | जिसने भी रची, वह आदमी मिस्टिफिकेशन में, चीजों को धुंधला और जुदास ने अपने आपको फांसी लगा ली। उसकी हालत उस | करने में महान कारीगर रहा होगा। कोई भी चीज का साफ रेखा में वक्त वही थी, फांसी लगाने जैसी। तो वह थोड़ा डरा। उसने जल्दी | | उत्तर नहीं है। इतना धुंधला है उत्तर कि आप जो भी मतलब से पन्ना पलटा।
निकालना चाहें, निकल सकता है। तो हर आदमी अपने मतलब दूसरे पन्ने पर उसकी नजर पड़ी; एक वचन था कि और तुम भी का मतलब निकाल लेता है। उसी का अनुसरण करो। तब तो वह बहुत घबड़ा गया। उसने जल्दी सभी शास्त्र धुंधले हैं। उसका कारण है। इसलिए नहीं कि धुंधले से तीसरा पन्ना उलटा; उसकी नजर पड़ी कि समय क्यों खराब कर | | लोगों ने रखे हैं। लेकिन जिस सत्य की चर्चा है, शब्दों में आकर रहे हो? देर क्या है? सोच-विचार क्या है? इस पर शीघ्र अमल | वह सत्य धुंधला हो जाता है। सत्य को शब्द के माध्यम में डालते करो। उसने घबड़ाकर बाइबिल बंद कर दी।
ही धुंधलापन पैदा हो जाता है। इस आधार पर कि आपका अचेतन काम करता है, चीन में एक | फिर शास्त्र से अर्थ आप अपना निकालते हैं। तो जो आदमी किताब है. आई चिंग। यह दनिया की अनठी से अनठी किताब है। पढता है. वही आदमी अपने को ही शास्त्र के माध्यम से पढ रहा है। और लाखों लोग हजारों वर्षों से इस किताब का उपयोग कर रहे हैं। | इसलिए कोई शास्त्र आपको आपके ऊपर नहीं ले जा सकते; आपके आई चिंग ज्योतिष की अनूठी किताब है। और आपका कोई भी भीतर ही रखेंगे। आपसे ज्यादा कोई शास्त्र आपको नहीं दे सकता। प्रश्न हो, आई चिंग में उसके उत्तर हैं। बस, आप अपना प्रश्न तैयार शास्त्र की हालत वैसी है, मैंने सुना है, एक आदमी, बूढ़ा कर लें और आई चिंग को उलटें। और उसके उलटने के हिसाब आदमी, गांव का ग्रामीण, आंख के डाक्टर के पास गया। आंखों हैं। पासे फेंकने का हिसाब है, उससे उसका पन्ना उलट लें। और से उसको दिखना करीब-करीब बंद हो गया था। तो डाक्टर ने आपको उत्तर मिल जाएगा।
कहा, लेकिन आंखों में कोई मूलभूत खराबी नहीं है, चश्मा लगाने __ आई चिंग बड़ी अदभत किताब है। क्योंकि एक तो चीनी भाषा से सब ठीक हो जाएगा। में है। उसका अनुवाद भी हुआ है, तो भी चीनी भाषा अनूठी है,। | तो उस बूढ़े आदमी ने कहा, क्या आंखें इतनी ठीक हो जाएंगी उसमें एक शब्द के अनेक अर्थ होते हैं। क्योंकि शब्द होता नहीं, कि मैं लिख-पढ़ भी सकूँ? डाक्टर ने कहा, बिलकुल। तुम लिख
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