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ॐ गीता दर्शन भाग-500
कि यह फूल का फोटो कैसे आया? जो फूल अभी है नहीं, थोड़ी आए। और उसके हाथ की चमड़ी पर रोग फैल गया। तब उसने जो देर बाद होगा; अभी तो कली है, तो फूल का चित्र आने का अर्थ चित्र लिया हाथ का, तब उसे पता चला कि वह ठीक जो तीन महीने क्या हुआ?
पहले झलक मिली थी, वही झलक गहरी हो गई है। फिर उसने लेकिन फिर रूस में एक दूसरे विचारक और वैज्ञानिक ने, जो स्वस्थ हाथों के चित्र लिए। उनमें किरणों की झलक अलग है; कि फोटोग्राफी पर काम कर रहा है गहन पिछले तीस वर्षों से, उसने हारमोनियस है। सब किरणें लयबद्ध हैं। बीमार-लय टूट जाती है। राज खोजा निकाला। उसने हजारों चित्र लिए हैं भविष्य के, थोड़ी | उसका कहना है कि अगर हाथ में कोई बीमारी आ रही हो, तो देर बाद के। और उसने जो आधार खोज निकाला है. वह यह है कि तीन महीने पहले हाथ की किरणों की लय टट जाती है। उसका जब फूल की कली खिलती है, तो खिलने के पहले-अभी फूल कहना यह भी है कि बहुत शीघ्र हम अस्पतालों में इसकी व्यवस्था तो बंद है-खिलने के पहले फूल के आस-पास का जो कर सकेंगे कि आदमी बीमार होने के पहले सूचित किया जा सके, प्रकाश-आभा है, प्रकाश-वर्तुल है, फूल की पत्तियों से जो किरणें | कि तुम फलां बीमारी से इतने महीने बाद परेशान हो जाओगे। अभी निकल रही हैं, वे खिल जाती हैं पहले। वे रास्ता बनाती हैं पंखुड़ियों इलाज कर लो, ताकि वह बीमारी न आ सके। के खिलने का; वे पहले खिल जाती हैं। प्रकाश की सूक्ष्म किरणें भविष्य का अर्थ है कि हमें दिखाई नहीं पड़ रहा है। ऐसा समझें पहले खिल जाती हैं, ताकि रास्ता बन जाए। फिर उन्हीं के आधार कि मैं एक बहुत लंबे वृक्ष के नीचे बैठा हूं, आप वृक्ष के ऊपर बैठे पर, उन्हीं प्रकाश की किरणों के आधार पर फूल की पंखुड़ियां | हैं। एक बैलगाड़ी रास्ते से आती है; मुझे दिखाई नहीं पड़ रही है। खिलती हैं।
रास्ता लंबा है, मुझे दिखाई नहीं पड़ रही। मेरे लिए बैलगाड़ी अभी तो वह जो चित्र आया था धुंधला, वह उन प्रकाश की पत्तियों नहीं है; भविष्य में है। आप झाड़ के ऊपर बैठे हैं, आपको बैलगाड़ी का था, जो असली हमारी आंख में दिखाई पड़ने वाली पत्तियों के | दिखाई पड़ती है। आप कहते हैं, एक बैलगाड़ी रास्ते पर आ रही पहली खिलती हैं।
है। मैं कहता हूं, झूठ। बैलगाड़ी रास्ते पर नहीं है। आप कहते हैं, इस रूसी वैज्ञानिक का कहना है कि हम बहुत शीघ्र आदमी की थोड़ी देर में दिखाई पड़ेगी। तुम्हारे लिए अभी भविष्य में है, मेरे मृत्यु का चित्र ले सकेंगे। क्योंकि मरने के पहले प्रकाश के जगत लिए वर्तमान में है, क्योंकि मुझे दूर तक दिखाई पड़ रहा है। । में उसकी मृत्यु घट जाती है। हम तो बहुत दिन से मानते हैं कि छ: फिर बैलगाड़ी आती है और मैं कहता हूं, आपकी भविष्यवाणी महीने पहले, मरने के छः महीने पहले आदमी की जो आभा है, | सच थी। कोई भविष्यवाणी न थी, सिर्फ दूर तक दिखाई पड़ रहा उसका जो ऑरा है, उसका जो प्रकाशमंडल है, वह धूमिल हो जाता था। फिर बैलगाड़ी चलती हुई आगे निकल जाती है। थोड़ी देर बाद है। और प्रकाशमंडल की किरणें जो बाहर जा रही थीं, वे लौटकर | । मुझे दिखाई नहीं पड़ती। मैं कहता हूं, बैलगाड़ी फिर खो गई। आप वापस अपने में गिरने लगती हैं, जैसे पंखुड़ी बंद हो जाती है। | वृक्ष के ऊपर से कहते हैं, अभी भी नहीं खोई बैलगाड़ी। अभी भी
इस रूसी वैज्ञानिक का कहना है कि अब हम चित्र ले सकते हैं। रास्ते पर है, क्योंकि मुझे दिखाई पड़ रही है। एक और अनूठी घटना उसको खुद घटी। वह प्रयोग कर रहा था | जैसे जमीन पर बैठकर अलग दिखाई पड़ता है, वृक्ष पर बैठकर कुछ फूलों के चित्र ले रहा था। वह चकित हुआ कि हाथ में फूल | ज्यादा दिखाई पड़ता है। ठीक चेतना की भी अवस्थाएं हैं। जहां हम लिए हुए उसने एक चित्र लिया, तो उसके हाथ का जो चित्र आया, खड़े हैं...। वह बहुत अजीब था। ऐसा कभी नहीं आया था। हाथ का उसका ___ जैसे मैंने चार अवस्थाएं कहीं आपसे। पहली, जहां मैं की भीड़ चित्र कई बार आया था फूल के साथ। लेकिन इस बार इस हाथ की | है। वहां से हमें कुछ भी दिखाई नहीं पड़ता। जब तक ठीक हमारी हालत बड़ी अजीब थी, जैसे हाथ अस्तव्यस्त था। और हाथ में जो | आंख के सामने न आ जाए, हमें कुछ दिखाई नहीं पड़ता। फिर एक किरणें दिखाई पड़ रही थीं, वे एक-दूसरे से लड़ रही थीं। लेकिन | मैं रह जाए; हमारी दृष्टि बढ़ जाती है। हम ऊंचे तल पर आ गए; हाथ ठीक वैसा ही था। कोई तकलीफ न थी। कोई अड़चन न थी। | भीड़ से ऊपर उठ गए। एक बड़े वृक्ष पर बैठे हुए हैं। हमें दूर तक कोई बीमारी न थी।
दिखाई पड़ने लगता है। कोई चीज आती है, उसके पहले दिखाई तीन महीने बाद बीमार पड़ा वह और उसके हाथ में फोड़े-फुसी पड़ने लगती है। फिर तीसरा और ऊंचा तल है, जहां कि मुझे पता
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