Book Title: Gita Darshan Part 05
Author(s): Osho Rajnish
Publisher: Rebel Publishing House Puna

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Page 478
________________ ओशो सत्य को श्रुति, स्मृति या शास्त्र नहीं मानते। उनकी दृष्टि में सत्य प्रत्यक्ष का विषय है। इसलिए तो सत्य का कोई शास्त्र नहीं होता। हां, तर्क का शास्त्र हुआ करता है। सत्य तो दर्शन है-'प्रत्यक्ष' है, 'ज्ञानलक्ष्ण प्रत्यक्ष' भी नहीं। ओशो के अनुसार इस सत्य का अर्जन करना पड़ता है, इस सत्य को जन्म देना पड़ता है। डा. कुमार विमल कुलपति, नालंदा खुला विश्वविद्यालय, पटना A RESEL BOOK

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