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ॐ गीता दर्शन भाग-58
तरफ से
बात की खबर है कि अस्तित्व वैसा ही हो जाएगा, जैसी आपकी | सीता-सावित्री, ऐसी कुछ। लोगों ने पूछा कि तुम बूढ़े हुए जा रहे गहरी-गहरी मौन प्रार्थना होगी। जैसा गहरा भाव होगा. अस्तित्व हो, तलाश कब पूरी होगी? क्या इतने दिन से खोजते-खोजते तुम्हें वैसा ही राजी हो जाएगा।
कोई पूर्ण स्त्री नहीं मिली? उसने कहा, एक दफे मिली, लेकिन इसके बड़े इंप्लीकेशंस हैं, इसकी बड़ी रहस्यपूर्ण उपपत्तियां हैं। | मुसीबत, वह भी किसी पूर्ण पुरुष की तलाश कर रही थी! मिली, इसका मतलब यह हुआ कि आप जो भी कर रहे हैं, वह भी | बाकी मैं उसके योग्य नहीं था। अस्तित्व ने रूप ले लिया है आपकी वासनाओं के कारण। आपने | हमारी वासनाएं हैं विरोधी। हम जो मांग करते हैं, वे एक-दूसरे मांगी थी एक सुंदर स्त्री, वह आपको मिल गई। आपने मांगा था | को काट देती हैं। अस्तित्व हमारी सब मांगें पूरी कर देता है, यह एक मकान, वह घटित हो गया। आपने चाहा था एक सुंदर शरीर, | जानकर आप हैरान होंगे। लेकिन आपको पता ही नहीं, आप क्या स्वस्थ शरीर, वह हो गया।
| मांगते हैं। कल जो मांगा था, आज इनकार कर देते हैं। आज जो आप कहेंगे, नहीं होता। मांगी थी सुंदर स्त्री, मिल गई कुरूप। | मांगते हैं, सांझ इनकार कर देते हैं। आपको पता ही नहीं कि आपने मांगा था सुंदर-स्वस्थ शरीर, मिल गई बीमारियों वाली देह। | इतनी मांगें अस्तित्व के सामने रख दी हैं कि अगर वह सब पूरी करे,
लेकिन उसमें भी आप खयाल करें कि उसमें भी आपकी ही मांग | तो आप पागल होंगे ही, कोई और उपाय नहीं है। और उसने सब रही होगी। आपको जो भी मिल गया है, उसमें कहीं न कहीं आपकी | | पूरी कर दी हैं। मांग रही होगी। आपकी मांगें बड़ी कंट्राडिक्टरी हैं, विरोधाभासी हैं। जिन्होंने धर्म में गहन प्रवेश किया है, वे जानते हैं कि आदमी की इसलिए अस्तित्व भी बड़ी दिक्कत में होता है। क्योंकि आप एक जो भी मांगें हैं, वे सब पूरी हो जाती हैं। यही आदमी की मुसीबत है।
दसरी तरफ से खद ही गलत कर लेते हैं। ये कष्ण राजी हो गए. यह इस बात की खबर है कि अस्तित्व अभी एक लड़की मेरे पास आई और उसने कहा कि मुझे पति राजी है, जरा सोच-समझकर उससे कुछ मांगना। बेहतर हो मत ऐसा चाहिए, शेर जैसा। सिंह हो। दबंग हो। लेकिन सदा मेरी माने!| | मांगना; उसी पर छोड़ देना कि जो तेरी मर्जी। तब आपकी जिंदगी अब मुश्किल हो गई। अब इनको एक ऐसा पति मिलेगा जो देखने | | में कष्ट नहीं होगा, क्योंकि तब उसकी मर्जी में कोई विरोध नहीं है। में शेर हो और भीतर से बिलकुल भेड़-बकरी हो। तब इसको | | समर्पण का यही अर्थ है कि तू जो ठीक समझे, वह करना। . तकलीफ होगी। इसकी मांगें विरोधी हैं। जो दबंग होगा, वह तुझसे हम में से जो बड़े से बड़े लोग हैं, वे भी इतनी हिम्मत नहीं कर क्यों दबेगा? वह सबसे पहले तुझी को दबाएगा। सबसे निकट तेरे | पाते। को ही पाएगा।
जीसस सूली पर लटके हैं। आखिरी क्षण में जब फांसी लगने अब इस स्त्री की जो मांग है, विरोधाभासी है, कंट्राडिक्टरी है। लगी और हाथ-पैर में खीले ठोंक दिए गए, तो जीसस के मुंह से हालांकि उसे खयाल भी नहीं है।
निकला, हे परमात्मा! यह तू मुझे क्या दिखा रहा है? पुरुष ऐसी स्त्री चाहता है, जो बहुत सुंदर हो। ऐसी स्त्री जरूर शिकायत का स्वर था। क्या दिखा रहा है? इसका मतलब साफ चाहता है, जो बहुत सुंदर हो; लेकिन साथ में वह ऐसी स्त्री भी | | था कि यह मैंने सोचा नहीं था कि तू मुझे यह दिखाएगा! यह भी चाहता है, जो बिलकुल पक्की पतिव्रता हो। साथ में वह यह भी | | मैंने नहीं सोचा था कि मुझे और तू यह दिखाएगा! यह भी कभी चाहता है कि किसी आदमी की नजर मेरी स्त्री की तरफ बुरी न पड़े। सोचा नहीं था कि तेरे भक्त को, तेरे बेटे को, इकलौते बेटे को, अब वह सब उपद्रव की बातें चाह रहा है। बहुत सुंदर स्त्री होगी, और ऐसी तकलीफ झेलनी पड़ेगी! इसमें सब बात आ गई। इसमें दसरों की नजर भी पडेगी। और ध्यान रहे. बहत संदर स्त्री भी बहत | पूरी इच्छा का जाल आ गया। सुंदर पुरुष की तलाश कर रही है, आपकी तलाश नहीं कर रही है। | | लेकिन जीसस बहुत सजग आदमी थे, तत्क्षण उन्हें समझ भी तो पतिव्रता होना जरा मुश्किल है।
| आ गई कि भूल हो गई। इस वाक्य को बोलते ही, कि यह तू मुझे मैंने सुना है कि मुल्ला नसरुद्दीन बहुत देर तक अविवाहित रहा। क्या दिखा रहा है, समझ आ गई कि भूल हो गई। दूसरा वाक्य लोग उससे पूछते कि मुल्ला विवाह क्यों नहीं कर लेते? वह कहता उन्होंने कहा, नहीं-नहीं। तेरी मर्जी पूरी हो। तू जो कर रहा, है, वही कि मैं एक पूर्ण स्त्री की तलाश कर रहा हूं, सर्वांग सुंदर, सती, ठीक है।
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