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iii.
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नारायनहता महागतानामदनवनागाव 110 सह: तगतिमा विक हाता हाला हितागा लक्ष्मी घर तहसुन 112 मलादवतः प्रभाविया एकूण हा सतना
एनकोडिया:विकतामा : यह नाना वानराशवादार्यमुत पुरुषा77108 तकावर रुपावहत थापाद श्री व सामाना दामोदर राहत: रामशरन हा हरिवन र सहचारी स्वदे का गोना सामना हो, निसुतः
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नाम होता| का थापा माया दिन अनंत न त सारंग नहः का थप काथा दात काह तहत सवलत है ।ता हरित।। राम पंडित भुवन दतवतार हा जगात सामगान 114 सक्ष्यद्वारशमराघाटाः। प्रर्वत: दो डिगा । सा डाल दिदि लतः किश वा पुरी । सातरिगर्त। हरिकान 116 वागपि यमतः राज [गी ही वारा दिन वली । डगलिगाकाण संबध महादिपुरी उतरता गंग, 110 पवन उराघाट विश्वहः पुरुषात्रम पुरा पर नाम माया ग्रहाकृतः प्रधाह्मण नियमाः स डार्क [म] नाद्याम निशान विक्रयं स दास मार्ग यांगनानांसद 118 नवदद्य तपता रापि निवारणीयः। इ. खादिकं वापि नारलीयस कम्म निष्टि से वित ग्रामलि 120 राजासवका ना वसतिप्रयाण दोड। न त मिदानप्रशंसा सिंहासन तथा वसवादर 120 :: भूमिदानस्य पुष्पाणिक लेवविता त्यतिपितरमभ्य व लीति वपितामहाः। निद 129 कालजातः सोमीदवार विष्यति श्रादित्या इव दीप्य जातजमा दिविमान वा य प्रयतिव मिलाया हिताभयघालिती पाए वैमिदीतारमनु 124 [ष्टामादिनिया। राष्ट्रा विपुलदलिम वाना तय हो पायो हि किं क रा मिता पा. सुदारुणा । घोरा वा रुपापा (नापसर्वानमिदतिपय (तदाता ि 128 सतरा शायरा हत्यायवृत्रिका यी दाता मित्र करी दवात निमान का वर्षसह (सागनिनिमिया वादा नुमंता सतावन राज वासना वारि तिमाप्रातिपुरम 128 यमन तिलप्रदः प्रजामिष्टादी प्रदेश कुरुत मा ईमाप्नातिदीर्घमायु
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[क] मंगु ला हरनाक मानियानंदा
ब्राह्मणन मिटर पे दाषाः।। गाम कारनि कामक 130 व्रत लवादती परतावा या हरित वसुं । षष्टिवर्ष महमा विष्ठायां जायानक [मिः सदा 190 तां परदता बाहार तर विद्यायाः । वृत्तिं सजायात विदुघर्षाणामयुतायुता विश्वताया 132 शु का कार रशानिक प्रजायात ब्रह्म हार का दिन विविधमहारं व किरह्निः यति कुल समूहति ब्रह्मसारणिपात का। ब्रह्म पैडरनुज्ञातं तं इंतिपूरुषाप्रसं 134 बलासी दशर्वादपरा नाटकं तियावतः पासून दतामा विदवः विद्यापी दाल्पानांऊटुंबिनी। राजा नाराज कुल्याश्व तावाता हा निरे ऊ था। ऊंनी पाकि खुप द्यति ब हारिणः ॥ घन्त मिपालन फले॥ दानपालनायाम (घदा नहायानुपालन। दाना सूर्यन वा 196 तिपालनादकत पदांगण्यात पांश वा समयांत दृष्टि दिवः । नगथात विनापि 198 फली बङ्गनिर्वमुधा दत्ता राजनि सगरा दिति । यदामियतस्तद सामान्या पाकाले कालपालनीयात वह्निःसीना दिन:पा विर्विद 140 या या यात नरा में तंत्र : म मेराजा परम ही पतिवंशज पापादापत मनासा जति साविप 140 मधुता मया विरचिता जलिर माले महासन
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सत्य
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