Book Title: Dhatuparayanam
Author(s): Munichandrasuri
Publisher: Shahibag Girdharnagar Jain S M Sangh

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Page 439
________________ 404] पञ्चमं परिशिषम् अवतान 7,1 . अवतारः 1,27 अवत्त 2,0 / 3,5 अवदाघ 1,552 अवदाह .. 1,552 अवष्ट 1,998 अवनाय, 1,884 अवनि 1,489 उ. अवन्ति 5,8 (उ.) अवभृथ 1, 886 उ... अवश्यभाव्य 1,1 . अवश्याय 1,606 . अवसंचक्षुस् 2,64 उ.. अवसान 3,7 अवसाय 20 अरुण 2,77 उ. अरुस् 2,77 उ. अर्क 1,104. उ. / 9,11 . अयं 1,104 . अर्ग 1,664 . अर्घ 1,564 च (उ.) अर्चा 1,104 - अचितः 1,104. अचितृ 5,26 / अर्चिस् 1,104 उ.॥५,२६ उ. अर्च्य 1,104 / 5,26 अर्जुन 1,142 उ. अर्जुनगृह्य 8,10 : अर्णम् 2,77 उ. अर्णितृ 75 अर्तित 1,287 अर्तृ 1,26 / 2,77, अर्बु 2,1 उ. अर्थ 2,77 उ. 19,365 अथित 1,365 अर्ध 3,43 / - अर्धभाज् 1,895 अर्धितृ 3,43 / 4,21 / अर्फितृ - 5,65 अर्भ 2,77 उ. अर्म 2,77 उ. अर्य 1,26 . 6 अर्यमन् 9,181 उ. अर्व 1,476 ... अर्वन् 2,77 उ. / अर्शस् 2,77 उ. अर्षितृ 5,104 अर्हणा 9,198 अर्हत् 1,564 अहित 1,564 अलंकरिष्णु 1,888 अलक 1,919 उ. अलका / 1,919 उ.. अलक्त 1,919 अलम् 1,919 / अलम्बुसा 1,766 उ. अलर्क 1,919 उ. : अलस 1,543 . अलाबू 1,766 उ, अलि 1,919 उ. अलिक 1,919 उ. अलिन्द 1,919 उ. अलीक, 1,919 उ::: अलीका 1,919 उ. ' अव 1,589 अवकर 5,20. .. अवकाश 3,135 .. अवख्युस् 2,64 उ. अवगाह 1,871 - अवग्रह.८,१० अवग्राह 8,10 च / अवगृद्य 8,10 अवचक्षस् 2,64 [उ.] अवचक्षुस् 2,64 उ. अवट 1,489 उ. . अवतंस 1,538 / 9,191 (उ.) अवतर१,२७ अवस्कर 5,20 अवस्तार 8,14 अवहार 1,885 च * अवावन् 1,273 अवावरी 1,273 अवि 1,489 उ., 589 उ. अवितृ 1, 489 अधिन 1,489 उ. अविष 1,489 उ. अविषी 1,489 उ. अवी 1,489 उ... अवोद 6, 19 अव्यर्थिन 1,1002 अव्यथिष 1,1002 उ. अव्य थिषी 1,1002 उ. अव्यथ्य 1,1002 अव्याथिन : 1,1002

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