Book Title: Dhatuparayanam
Author(s): Munichandrasuri
Publisher: Shahibag Girdharnagar Jain S M Sangh

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Page 496
________________ शब्दसूचिः [461 शोणित 1,274 उ. / श्रम्य 3,90 श्लोक 1,613 . शोणी 1,274 श्रय 1,883 (उ) लोकवच 2,38 शोतृ 1,14 श्रयित 1,883 श्लोकवद 1,998 शोधृ 3,40 श्रवण 4,11 च, उ. श्लोकितृ 1,613 शोनितृ. 5,60 श्रवस् 4,11 [उ.] श्वङ्क 1,623 शोभन 1,947 च . . श्रविन 4,11 श्वङ्कितृ 1,623 शोभा 1,947 / 5,73 / श्राणा 2,719,76 श्वन 1,997 उ. शोभितृ 5,73 श्रातृ 1,46 / 2,7 श्वपच 1,892 शोष्ट 3,69 . श्राय 1,883 श्वपाक. 1,892 शौ 1,459 श्राविन् 4,11 श्वभ्र 9,118 (उ.) शौडीर 1,233 उ. श्रिष 1,530 श्वयथु 1,997 श्री 1,883 श्मशान 2,47 श्वयित 1,997 श्मश्रु 1,883 उ. श्रीति 8,4 श्वशुर 4,29 उ. श्मीलित 1,416 श्रुति 4,11 श्रू 3,22 श्यातृ 1,606 श्वश्रु 4,29 श्रेणि 1,883 उ. श्वसित 2,32 श्याम. 1,606 उ. श्रेतृ 8,4 श्यामाक 1,606 उ. प्रवाविध् 3,14 श्यैत 1,606 उ. श्रेवितृ 3,22 श्वास 2,32 श्रेषित 1,530 श्वित्र 1,943 उ. श्येन 1,606 उ. श्रोणि 1,275 उ. / 4,11 उ. श्वेत 1,943 श्येनचित् 4,5 श्रोणी 1,275 श्वेतवाली 1,807 अङ्कितृ 1,625 श्रोतृ 4,11 श्वेय 1,997 श्रद्धा 2,81 श्रोत्र 4,11 उ. श्रद्धालु 2,81 श्लक्ष्ण 3,67 उ. श्रन्थना 1,717 / 8,39 श्लङ्कितृ 1.626 श्रन्थि 1,718 उ. श्लाघा 1,645 षण्ड 1,685 उ. श्रन्थितृ 1,717 / 8,39 लाघितृ 1,645 षष् 1,990 उ. श्रमण 3,90 प्रलेष 3,67 . ष्ठ्यात 1,39 श्रमणा 3,90 श्लेषितृ 1,531 ष्ठीवन 1,463 श्रमितृ 3,90 श्लेष्ट 1,531 / 3,67 प्ठेवन 1,463 श्रमिन् 3,90 प्रलेष्मन् 1,531 / 3,67 उ. | ष्ठेवितृ 1,463 / 3,23

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