Book Title: Dhatuparayanam
Author(s): Munichandrasuri
Publisher: Shahibag Girdharnagar Jain S M Sangh

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Page 502
________________ शब्दसृषिः / [467 - स्नसितृ 3,26 स्नातृ 1,49 / 2,6 स्नायु 1,49 उ.२,६ उ. स्नावन् 2,6 उ. स्निह् 3,98 स्नुषा 2,25 उ. स्नुहि 3,97 उ. स्नेग्धृ 3,98 स्नेदृ 3,98 . स्नेह 3,98 स्नेहित 3,98 स्नोग्धृ 3,97 - स्नोदृ 3,97. . स्नोहित 3,97 स्पन्द 1,724 स्पन्दन 1,724 स्पन्दितृ 1,724 स्पर्तृ 4,14 . स्पर्ध 1,742 स्पर्धन 1,742 स्पर्धा 1,742 स्पर्धिष्णु 1,742 स्पर्श 5,98 स्पष्ट 9 / 276 स्पष्ट 5,98 स्पर्श 1,926. स्पाश 1,926 / 9,276 स्पाशित 9 / 276 स्पृहयाय्य 9,362 उ. स्पृहयालु 9,362 स्पृहा 9,362 स्प्रष्ट 5,98 स्फटिक 1,208 उ. स्फर 5,84 स्फरक 5,84 स्फरितृ 5,84 स्फलक 5,84 स्फलितृ 5,84 स्फा 1,804 स्फायितृ 1,804 स्फार 1,804 उ. / 5,84 स्फिर 1,804 उ. स्फुट 1,209,669 / 5,126 स्फुटितृ 5,126 स्फुण्डिका 9,56 स्फुण्डितृ 1,669 ... स्फुर 5,146 स्फुरितृ 5,146 स्फुलिङ्ग 5,147 उ स्फूर्ति 1,127 / 5,146 स्फेट 9,44 . .. स्फेटक 9,44 स्फोट 1,209,669 / 5,126 स्फोटितृ 1,669 स्मर 1,18... स्मर्तृ 1,18 / 4,14 स्मीलितृ 1,417 स्मुर्छा 1,128 स्मृति 1,18 स्मेर 1,587 स्मेतृ 1,587 स्यन्दन 1,956 उ. स्यमितृ 1,387 स्यमीक 1,387 उ. स्योमन् 3,21 स्रज् 3,112 - स्रष्ट 3,112 / 5,35 स्रस्ति 1,953 स्रातृ 1,45 स्रुच् 1,15 उ. , युति 1,15 घुव 1,15 उ. खू 1,15 . लेकित 1,636 स्रोतस् 1,15 उ.. स्रोतृ 1,15 .... स्व 1,790 च स्वक्ति 5,157 स्व तृ 5,157 .. स्वत् 1,790 स्वतन्त्र 9,273 . . स्वदन 1,729 स्वन 1,327 स्वनितृ 1,327 स्वपोषम् 1,536 / 3,32 स्वतृ 2,30 स्वप्न 2.30 (उ.) स्वप्नज् 2,30 स्वमन् 1,790 स्वयम्भू 1,1 स्वर 1.21 स्वरित 1,21 स्वरु 1,21 उ.

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