Book Title: Dhatuparayanam
Author(s): Munichandrasuri
Publisher: Shahibag Girdharnagar Jain S M Sangh
________________ शुद्धि पत्रकम् पृष्ठ 292 पति 10 पृष्ठ 329 *330 | 332 पनि 27 292 11 15 28 . 28 ___ 20 12 294 *298 *298 *300 शुद्धम् ऋषिनाम्नोः ऋषिः ऋत्विक वेट उभयत्र तुलना:-८।३।९३ पाणिनीय व्या० ऋल्वादेः सृपृप्रथि ऋवर्णश्रि संयोगा वादिभ्यः 13.34 . पचुण तुञ्जति शष्कुली पर्थयति श्वैत्य पंसेर्दीर्घश्च शब्दण् भाष 338 338 341 રૂ 26 शुद्धम् 303, 300 224 कुंशति 296 सेचने [1 // 527] तुलना चान्द्राः गलिण अपुंटत् विश्रामणे इति चिदृष्टयोः पंक्तितः अचुकुहत नमिच्छन्त्येके ऋदन्त , कम्पति ज्वर झर्छ ग्रन्थे पृ. पं. 25 347 350 *308 351 316 320 321 *325 326 17 18 24 28 362 376 . 376 476 480 3 29 2015 1 1 इति श्री धातुपारायणम्
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