Book Title: Dhatuparayanam
Author(s): Munichandrasuri
Publisher: Shahibag Girdharnagar Jain S M Sangh

Previous | Next

Page 497
________________ पञ्चमं परिशिष्टम् सन्नाह 3,142 सम्पद 3,114 सम्पर्क 2,50 / 6,10 सङ्कथय्य 9 / 314 सङ्कर्षण 1,506 सम्पर्किन् 2,50 / 6,10 सम्पचितृ 2,50 / 6,10 सङ्कसुक 1,987 उ. सम्पाति 1,962 उ. सङ्कास 1,830 / 3,135 सम्पीति 1,2 सङ्घष 1,506 सम्पृच्य 2,50 सङ्केत 1,286 सम्प्रदातृ 1,7 सङ्कोच 1,961 / 5,117 सम्फल 1,414 सङ्कोचक 1,102 सड्कन्दन 1,316,1007 सम्फुल्ल 1,414 सम्बन्दधृ 8,42 सङ्ख्याकर 1,888 सम्भार्य 2,82 सङ्ग्राम 9,365 सम्भु 1,1 सयाह 8,10 सम्भृत्य 2,82 सङ्घट्ट 9,41 सङ्घर्षण 1,534 सम्मद 3,93 सञ्चक्ष्य 2,64 संग्राम 9,367 संयम 1,386 सञ्चचक्षुस् 2,64 उ. संयाम 1,386 सञ्चर 1,410 सञ्चाय्य 4,5 संयाव 2,22 संयुग 3,111 सञ्चारिन् 1,410 संरभ्य 1,787 सञ्चय 4,5 संराव 1,599 / 2,27 सवारिन् 1,1054 संरोधिन् 6,1 सन्तान 7,1 संलाप 1,336 सन्दर्भ 5,75 संवनन 1,329 सन्दाव 1.12 संवर्णना 9,73 सन्द्राव 1,13 संवादिन् 1,998 सन्धा 2,81 संवासिन् 1,999 सन्धि 2,81 संवेशिन 5,101 सन्ध्या 1,30 / 2,81 उ. | संव्यातृ 1,993 संव्याहारिन् 1,885 संशय 2,47 संशितव्रत 3,4 संसर्गिन् 3,112 संसर्पा 1,341 संस्तव 2,66 संस्तितृ 2,40 संस्था 1,5 संस्फेट 9,44 संहार 1,885.. संहित 2,81 सक्तु 1,647 उ. सक्थि 1,173 उ. सखि 2,13 उ. सङ्क्त 1,173 सचिव 1,340 उ.,६४७ उ. सजुष 5,158 सन्ज 1,138 सटा 1,189 (उ.) सट्टक 9,43 सति 1,330 च / 7,2 सत्तृ 5,57 सत्त्र 1,966 उ. सत्यङ्कार 1,888 सद 1,966 / 5,57 सदस् 1,966 उ. सदृक्ष 1,425 सदृश् 1,495 सदृश 1,495 सद्मन् 1,966 उ. सनित 1,330 / 7,2

Loading...

Page Navigation
1 ... 495 496 497 498 499 500 501 502 503 504 505 506 507 508 509 510 511 512 513 514 515 516 517 518 519 520 521 522 523 524 525 526 527 528 529 530 531 532