Book Title: Dhatuparayanam
Author(s): Munichandrasuri
Publisher: Shahibag Girdharnagar Jain S M Sangh
________________ शब्दसूचिः [453 वर्शितृ 3,63 वर्ष 1,527 (उ.) वर्षा 1,527 (उ.) वर्षितृ 1,520,527 वर्षक 1,227 वर्ण्य 1,527 वर्ह 1,862 / 5,107 वहित 1,558,559,862 / वन्दारु 1,721 वन्दि 1,721 उ. वन्दितृ 1721 वन्दिन् 1,721 वन्दी 1,721 वप 1,995 वपा 1,995 वपुस् 1,995 उ. वस्तृ 1,995 वप्प 1,995 उ. वन 1,995 उ. - वम 1,969 वमथु 1,969, वमितृ 1,969 वमिन् 1,969 वयस् 1,791 उ. / 2,18 उ. | वयित 1,791 वयुन 1,139 उ. वयोधस् 2,81 उ. * वर 4,9 / 8,60 / 9,342 (उ.) वरण 4,9 उ.. वरण्ड 4,9 उ. वरत्रा 4,9 उ. . वराक 8,60 वराकी 8,60 वराह 2,42 (उ.) वरित 8,16,60 घरीतृ 8,16,60 वरुण 8,16 उ. * वरुणानी 8,16 वरूथ 4,9 उ. वरेण्य 8,60 उ. वर्क 6,11 वर्कितृ 1,620 वर्ग 6,11 / 9,389 (उ.) वर्च 1,653 वर्चस् 1,653 उ.. वचितृ 1,653 / 6,11 वर्जित 2,53 वढू 5,107 वर्ण 4,9 उ. वर्णक 9,304 वर्णसंघाट 2,42 वर्णसंघात 2,42 वर्णसि 8,26 उ. वर्गु 4,9 उ. वर्तक 1,955 च, उ. वर्तका 1,955 च, उ. वर्तनि 1,955 उ. वर्ति 1,955 उ. वर्तिका 1,955 च, उ. वर्तित 3 / 114 वर्तिका 1,955 उ. वर्त्मन् 1,955 उ. वर्धन 1,957 वर्धिष्णु 1,957 वर्ध 1,957 उ. वर्य 4,9 / 8,60 वर्या 4,9 वर्वर 4,9 उ. वर्वरीका 8,60 उ. वर्श. 3,63 वल 1,807 वलय 1,807 उ. वलि 1,807 उ. वलित 1,807 वलीक 1,807 उ. वल्क 1,807 उ. / 9, वल्कल 1,807 च, उ.। वल्ग 1,77 वल्गु 1,807 उ. वल्भ 1,773 वल्भितृ 1,773 वल्मीक 1,807 उ. वल्ल 1,808 वल्लभ 1,808 उ. वल्लरि 1,808 उ. वल्लव 1,808 उ. वल्ला 1,808 वल्लि 1,808 उ. वल्लितृ 1,808 वल्लूर 1,808 उ. वहित 1,863
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