Book Title: Dhatuparayanam
Author(s): Munichandrasuri
Publisher: Shahibag Girdharnagar Jain S M Sangh

Previous | Next

Page 489
________________ 454] पञ्चमं परिशिष्टम् वश 2,43 (उ.) वाग्याम 1,386 वामी 1,969 वशंवद 1,998 वाच् 2,38,67. वाय 1,992 वशितृ 2,43 वाचंयम 1,386 वायस 1,791 उ.। 2,18 वषित 1,511 वाच्य 2,38,67 वायु 1,48 उ.। 2,5 उ. वसति 1.999 उ. वाज 1,136 वार 4,9 उ. बसन 2,59 च. वाञ्छा 1,122 वारि 4,9 उ. वसन्त 1,999 उ. वाट 1,176 वार्ताक 1,955 उ. वसाति 1,999 उ. वाटी 1,176 वार्ताकी 1,955 उ. वसि 1,999 उ. वाडित 1,701 वार्ता 1,955 वसित 3,83 वाढ 1,868 वार्य 4,9 / 8,60 वसु 1,999 उ. वाणि 1,261 उ. वाल 1,701,807 वसुन्धरा 1,602 वाणिज 1,710 वालधि 2,81 बसुरोचिस् 1,938 उ. वाणी 1,261 उ. वावदूक 1,998 (उ.) वस्कृतृ 1,630 वाण्टि 1,261 वावृत्यमाना 3,113 वस्त 1,999 उ. / 3,83 उ. | वात 2,5 उ. वाशन 2,43 / 3,136 वातघ्न 2,42 वाशा 3,136 वस्ति 1,999 उ.।२,५९ उ.।। वातमज 1,139 वाशिका ,3,136 3,83 उ. / 9,261 उ. वातृ 1,48,992 / 2,5 वाशित 1,272 वस्तु 1,999 उ. वाद 1,998 वाशितृ 3,136 वस्तृ 2,59 / 3,83 वादि 1,998 उ. वाशुर 3,136. उ. बस्त्र 2,59 उ. वादित्र 1,998 उ. . वासक 9,356 वस्न 1,999 उ. वाद्य 1,998 वासना 9,356 वह 1,996 वानर 1,329 उ. वासर 1,999 उ. वहाभ्रश् 2,62 . वानीर 1,329 उ. / 7,8 उ. वासस् 2,59. उ. वहित 1,996 उ. वापि 1,995 उ. वासि 1,999 उ.. वह्नि 2,996 उ. वाप्य 1,995 वासी 1,999 वह्य 1,996 वाम 1,969 च / 2,5 उ. वास्तु 1,999 उ. वांश् 1,122 वामक 1,969 वाह 1,996 वाक 2,38 वामन् 2,5 उ. वाहन 1,996 वाक्य 2,38,67 'वामन 1,969 च / 2,5 वाहित 1,868 वाक्यविस्तर 8,14 वामि 1,969 उ. | वाह्य 1,996

Loading...

Page Navigation
1 ... 487 488 489 490 491 492 493 494 495 496 497 498 499 500 501 502 503 504 505 506 507 508 509 510 511 512 513 514 515 516 517 518 519 520 521 522 523 524 525 526 527 528 529 530 531 532