Book Title: Dhatuparayanam
Author(s): Munichandrasuri
Publisher: Shahibag Girdharnagar Jain S M Sangh
________________ शब्दसूषिः [445 / मुर्मुर 5,82 मृकण्डु 5,19 उ. . मुल 9,128 मृगया 9,364 मुष्क 8,56 मृगयु 2,5 उ मुसल 3,85 मृगित 9,364 मुस्ता 3,85 // 9,81 मृजा 2,39 मुहुरि 3,95 उ. मृड 5,44 / 8,38 मुहुस् 3,95 उ. मृडानी 5,44 मू 1,480 मृडीक 8,38 उ. मूक 1,601 उ. मृणाल 5,48 उ. मूत 1,601 उ. मृत 5,19 उ. मूत्र 5,6 उ. मृत्यु 5,19 उ. मूर्ख 3,95 उ, मृद् 8,43 मूळ 1,126 . मृदर 8,43 उ. मूर्छित 1,196 मृदीका 1,1004 उ.।। मूर्णि 8,23 8,43 उ. मूर्ति 1,126 मृदु 1,1004 उ. मृर्वा 1,479 मृवीका 1,1004 उ.। मूर्वित 1,479 मूल 1,427,601 उ.। मृध 1,911 ,128 मृशान 5,102 उ. मूलकोपदंशम् 1,496 मृश्य 5,102 मूलवृश्च् 5,27 मृषण 9,352 मूलि 9,128 [उ.] मृषोध 1,998 मूलित 1,427 मृष्टि 2,39 . मूष 1,502 मेकल 4,4 उ. मूषक 1,502 मेखला, 4,4 उ. मूषा 1,502,601 उ. मेघ 1,551 मूषिक 1,513 उ.। 8,56 उ. मेघङ्कर 1,888 मूषिका 1,513 / 8,56 मेदृ 1,551 मूषित 1,502 मेद्र 1,551 मूषी 1,502 / मेतृ 3,103 मेथ 1,901,902 मेथि 1,901 उ. मेथित 1,901,902 मेथी 1,901,902 मेद 1,944 / 3:39 मेदस् 1,944 3 / 3.3.3. मेदितृ 1,905,908 / 3,37 मेदिनी 3,37 मेदुर 1,944 / 3,37 मेधा 1,909 मेधि 1,909 [उ.] मेधितृ 1,902 मेध्य 1,909 मेनका 3,120 उ. मेनि 3,120 उ. मेपितृ 1,759 मेय 2,78 मेरु 1,603 उ.।२,१५ उ.। 3,103 उ. मेरुदृश्वन 1,495 मेलन 1,415 मेल 5,97 मेलितृ 5,97 मेशितृ 1,491 मेष 1,524 / 5,106 (उ.) मेषितृ 1,524 15,106 मेसर 3,103 उ. मेहन 1,551 मेह्य 1,551 मोक्त 5,6 मोक्ष 5,6 उ. / 9,199
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