Book Title: Dhatuparayanam
Author(s): Munichandrasuri
Publisher: Shahibag Girdharnagar Jain S M Sangh
________________ शब्दसूचिः [441 फल्गुनी 1,414 उ. फाण्ट 1,1037 फाल 1,983 फालि 1,414 उ. फुल्ल 1,414, 429 फुल्लित 1,429 फेन 1,804 उ. फेला 1,433 फेलित 1,433 बिन्दु 1,310 उ.।२,४१ उ. बिल 5,95 , बिल्म 5,95 बिल्व 5,95 उ.।९,१२३ उ. बीजरुहा 1,988 बीजवाप 1,995 ... बुक्का 1,54 बुध 1,912,968 / बंहित 1,873 बदरी 1,295 उ. बधक 1,746 बधिर 8,45 उ. बन्धक 8,45 उ. बन्धकी 8,45. बन्धु 8,45 उ. बन्धूक 8,45 उ. बधितृ 1,408 बभ्रु 1,886 उ, बरितृ 8,26 बरीतृ 8,26 बर्बर 1,362 उ.1८,२६ उ. बर्बरी 1,362 उ.। 8,26 उ. बर्ह 1,864 . बर्हक 1,559 बर्हत् 1,559 बहिण 1,864 (उ.) बर्हित 1,864 बहिष्प्रस्तर 8,14 . बर्हिस् 1,560 उ. बल 1,807 च, 979 बलत. 1,979 उ. . बलाका 1,807 उ. बलित 1,979 बल्वज 1,807 उ. बल्वजा 1,807 [उ.] बल्हि 1,865 [उ.] बल्हित 1,865 बहिस् 1,873 उ. बहु 1,873 उ. बहुन्तुद 5,1 बहुल 1,873. उ. / 2,10 बाण 1,263 च बाध 1,744 बाधन 1,744 बाधा 1,744 बाधित 1,744 बार्ह 1,864 बाल 1,807,979 बाला 1,979 बाल्हि 1,865 [उ.] बाल्हिक 1,865 / बाल्हीक 1,865 उ. बाहु 1,744 उ. 873 उ. बाहुघात 2,42 बाहुन्न 2,42 बुधान 1,968 उ.। .. 3,119 (उ.) बुध्न 3,119 उ. बुन्दितृ 1,904 बुन्धितृ 1,904 बुभुक्षा 6,15 बुल 9,127 बुस्ति 9,80 [उ.] वृणि 8,26 बृहक 1,560 बृहत् 1,560 बृहत् 1,558 उ. बृहती 1,558 उ.. बेलितृ 5,95 बोधृ 1,968 / 3,119 बोध 1,912, 968 च बोधि 3,119 उ. बोधितृ 1,912, 968 बोलन 9,127 ब्रह्मघ्न 2,42 ब्रह्मचूर्ति 1,410
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