Book Title: Dhatuparayanam
Author(s): Munichandrasuri
Publisher: Shahibag Girdharnagar Jain S M Sangh

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Page 479
________________ 444] [ पञ्चमं परिशिष्टम् ! मंहितृ 1,874 मकुर 1,609 उ. मक्ष 1,568 मक्षिका 1568 उ. मक्षितृ 1,268 मख 1,67,565 उ. मगध 1,85 उ. मघवन् 1,641 उ. मङ्कण 1,609 उ. मङ्कन 1,609 मङ्कना 1,609. . मङ्ख 1,70 . भ्रमी 3,91 . भ्रय 8,36 भ्रष्टक 1,952 भ्रष्टि 1,952 भ्रष्ट 5,2 . भ्राक्ति 1,661 / भ्राज 1,894... भ्राजथु 1,661,894 च भ्राजित 1,661,894 भ्राजिष्णु 1,661 भ्राम 1,970 . भ्राष्टि 1,661 भ्राष्ट्र 5,2 उ. भ्राष्ट्रमिन्ध 6,26 भ्राष्ट्रोपकर्षम् 1,506 भ्रासथु 1,847 भ्रासितृ 1,847 भ्रिति 8,36 (डितृ 5,139 भ्रू 1,970 उ.।३,९१ उ. भ्रूण 9,259 (उ.).... भ्रूणहन् 2,42 भ्रेजित 1,660 भ्रेतृ 8,36 भ्रेष 1,925 भ्रेषितृ 1,925 भ्लक्ष 1,936 . भ्लक्षित 1,936 भ्लासथु 1,848 भ्लासितृ 1,848 - मठर 1,215 उ.। 3,120 उ. मणि 1,266 उ. . मणिक 1,266 [उ.] . मणित 1,272 मण्ठितृ 1,677 मण्ड 1,692 / 9,66 (उ.). मण्डक 1,692 मण्डन 1,231 च / 9,66 उ. मण्डना .9,66 . . मण्डयन्त 1,231 उ. मण्डयित्नु 1,692 .. मण्डल 1,692 उ. मण्डली -1,692 मण्डितृ 1,692 मण्डूक 1,231 उ., 692 उ. मण्डूर 1,692 उ. मतङ्ग 3,120 उ... मति 3,120 मत्सर 3,93 उ. मत्सी 3,93 मत्स्य 3,93 उ. मथ 1,965 . मथितृ 1,965 मथिन 1,965 उ. मथुरा 1,965 उ. मद 3,93 मदन 3,93 (उ.) मदितृ 3,93 मदिरा 1,723 उ.। मङ्गल 1,85 उ. . मचितृ 1654 मच्छ 3,93 उ.. मज 5,38.. . मन्जथु 5,38 मन्जन 5,38 उ. मन्जन 5,38 (उ.) मज्जा 5,38 . मञ्च 1,110, 656 (उ.) मञ्चिका 1,656 मञ्चितृ 1,656 मञ्चुका 1,656 [उ.] मञ्जूषा 5,38 उ.. मठ 1,215 मद्रु 5,38 उ.....

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