Book Title: Dhatuparayanam
Author(s): Munichandrasuri
Publisher: Shahibag Girdharnagar Jain S M Sangh

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Page 469
________________ 434 ] [पञ्चमं परिशिष्टम् पताका 1,962 उ.. पति 1,792 // 2,9 उ. पतिंवरा 4,9 / 8,60 पतिघ्नी 2,42 पत्काषिन 1,507 पत्तन 1,962 उ. पत्ति 3,114 उ. पत्तिगणक 9,306 नृत्त 3,9 नृत्य 3,9 नृप 2,9 नृपयाजक 1,991 नृशंस 1,550 नेक्तृ 2,83 नेग 2,83 नेतृ 1,884 (उ.) नेत्र 1,884 नेदि 1,644 नेदितृ 1,905,906 नेप 1,884 उ. नेमि 1,884 उ. नेलित 5,96 नेषितृ 1,525,837 नेष्ट 1,837 उ., 884 उ. नोत्तृ 5,56 नौ 5,56 उ. . न्ति 1,794 न्यकु 1,105 उ. न्यञ्चु 1,105 न्याद 2,1 न्याय 2,17 च न्युज 5,34 न्युग्जित 5,34 पत्रिम 1,892 पक्ष 9,151 (उ.) पङ्क 1,657 / 4,13 (उ.) पचा 1,892 पचेलिम 1,892 उ. पञ्चन 1,657 उ. पञ्चाल 1,657 उ. पश्चिका 1,65719,13 पट 1,195 पटच्चर 1,410 पटल 1,195 उ. पटह 1,195 उ.।२,४२ पटीर 1,195 उ. पटु 1,195 उ. पटुंमन्य 3,120 पटुमानिन् 3,120 पटोपकर्षम् 1,506 पटोल 1,195 [उ.] पट्टन 1,195 उ. पर्विमन्या 3,120 पणाया 1,710 पणायित 1,710 पणितृ 1,710 पण्ड 1,682 / 9,68 उ. पण्डा 1,682 / 9,68 पण्य 1,710 पत 1,962 पतङ्ग 1,962 उ. पतत्र 1,962 उ. पतन 1,962 पतयालु 1,962 / 9,312 पत्त्र 1,962 पत्सल 1,962 उ. . पथ 1,963 (उ.) पथितृ . 1,963 पथिन् 1,963 उ.. पथिप्रज्ञ 8,33 पद 3,114 पदन 3,114 पदवि 3,114 [उ.] पदवी 3,114 उ. पदाजि 1,139 उ. पदाति. 1,297 पद्म 3,114 उ. पद्र 3,114 उ. पनस 1,748 उ. पम्फुल 1,414 . पयस् 1,2 उ, 792 उ. पयस्काम 1,789 पयस्कार 1.88 पयितृ 1,792 पयोधस् 2,81 उ. पर 8,25 (उ.) पक्ति 1,892 पक्त 1,892

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