Book Title: Dhatuparayanam
Author(s): Munichandrasuri
Publisher: Shahibag Girdharnagar Jain S M Sangh
________________ [435 परन्तप 1,333 / 3,124 परम 8,25 उ. परमेष्ठ 1,5. परमेष्ठिन् 1,5 उ. परशु 8,24 उ. परश्वध 8,24 उ. पराण 2,31 परिकृश 3,64 . . परिकृशवत् 3,64 परिक्षेपक 5,3 परिक्षेपिन् 5,3 परिखा 1,913 परिघ 2,42 च परिघातन 2,42 परिचक्षुम् 2,64 उ. परिचर्या 1,410 परिचाय्य 45 परिचारक 1,410 परिचय 45 परिणाय 1,884 परितृ 8,25 परिदाहिन 1,552 परिदेवक 3,1 परिदेविन् 1,817 परिपवन 8,11 परिपावन 8,11 परिभव 1,1. परिभविन् 1,1 च परिभाव 1,1 परिभाविन् 1,1 परिमल 1,810 परिमार्ग्य 2,39 पर्दन 1,739 परिमृज्य 2,39 पदित 1,739 परिमोहिन् 3,15 पर्यङ्क 1,105 परिवादक 1,998 पर्याय 2,17 परिवादिन 1,998 पर्येषणा 3,25 परिवाप 1,995 पर्वत 1,455 उ. परिवृढ 1,558,560 पर्वन् 8,25 उ. . परिवेष 2,85 पवितृ 1,455 परिवेषक 2,85 .. पर्श 5,98 [उ.] परिव्रज्या .1.137 पर्षद 1,842 उ. परिव्राज् 1,137 पर्षितृ 1,528,842 परिव्राजक 1,137 पल 1,982 परिव्राज्य 1,137 पलल 1,982 उ. परिषद् 1,842,966 पलायित 1,790 परिषय 42 पलाल 1,982 उ. परिष्टुत् 2,66 पलाशशातन 1,967 परिष्वक्ति 5,157 पलाशशातनी 1,967 परिष्वङ्ग 5,157 पलिघ 2,42 परिसारिन् 1,25 पलित 1,982 च उ. परीतत् 7,1 पलितृ 1,982 परीतृ 8,22 पल्यङ्क 1,105 परीत्त 3,5 . पल्लि 1,441 उ. परीष्ट 325 पल्वल 1,962 उ. परस् 8,29 उ. पवन 1,600 च उ, / 829 पर्क 6,10 पवि 1,600 उ. पर्जन्य 1,526 उ. पवितृ 1,600,829 / 8,11 पडितृ 5,43 पवित्र 1,600 / 8,11 पर्ण 8,25 उ. / 9,305 पशु 1,495 उ. पर्णध्वस् 1.954 पश्य 1,495 पर्णितृ 5,46 पषितृ 1,926 पढे 2,76 / 4,13 / 5,151 . पस्पस 1,926 ..
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