Book Title: Dharm Sangrahani Part 02 Author(s): Ajitshekharsuri Publisher: Adinath Jain Shwetambar Jain Mandir TrustPage 16
________________ उसिणोदगं अह उस्सुगविणिवित्तीवि ऊसरदेसं दडिल्लयं एक्लो वि नमोक्कारो एगंतभेदपक्खे एगंतेणेव इम एगतेणऽत्थित्ते एगतेण उ णिच्चो एगंतेण सतो च्चिय एगतेण तु सत एव एगऽन्ने आरंभा एगाणेगसस्वं एगिदियादियाणं एगो धम्मी धम्मा एगो स आलयो एण्हिं पि आगमातो एतं होहिति कल्लं एतस्स एगपरिणाम एतेणऽचेतणं जं एतेणं समुदायो एतेणं आगारो. एतेण सम्मलाभे एतेणं यजमाणा एतेणं चिय सति . एतेणं पडिसिद्धा एते भावेमाणो एतेहऽभिभूयाणं एत्तोच्चिय सा सततं एत्तो च्चिय अण्णेहिं एत्तोच्चिय निद्दिट्ठा एत्थ य परिणामो एद्दहमेत्तेण इमं एय विगप्पाभावे एयमिह ओघविसयं एयस्स य पामण्णं एवं अवग्गहातो एवं इमे वि विज्जादिगा एवं किमत्थि अन्नं एवं च कुतो एवं च ठिए संते एवं च अणिच्चत्तं एवं च सव्वविसयं एवं च पयइसावज्जओ एवं च नज्जइ तओ एवं च गम्मड़ एवं च उभयस्वे एवं चिय जोएज्जा एवं चिय सव्वगता एवं जुज्जइ पगतं १०८१ 229 एवं तीताणागतस्वं ९७३ 187 एवं नियइ ८०० 116 एवं पि हंत दोण्हवि गाथाङ्क पृष्ठ एवंपि तेसिंण . ८८८ 157 एवं पुरिसत्तं वि ११८८ 268 एवंविहपरिणामो ९०५ 164 एवं विहिसक्कारो ९११ 166 एवंविहं च एतं १२४६ 291 एवंस्वं सव्वं एवं १२६० 297 एवं विवजासेणं १२६७ 299 एवं सव्वण्णुत्ते १०७९ 228 एवं सिद्धसुहस्स वि ७१९ 82 एवमिह इमं सम्म ८१९ 125 एवमिदमकातव्वं ११८९ 268 एवमिह कम्मगुरुणो ६९७ 70 एवमिह समासेणं १२४० 289 एसा य वत्थुतो ९२२ 170 एसो उ भावधम्मो ७४४ 92 ओ ५८७ 20 ओहिन्नाणं भवजं ६५० 50 ओहिन्नाणस्स तहा ७३४ 89 ओहेण दोहकालो ७७३ 103 ८९५ 161 कंदोट्टादिसु अह १२३१ 286 कण्णाण दढ पीती ११९५ 272 कत्तत्ति दार ११७३ 260 कत्ता हु चेतणो १३७९ 343 कत्तावि अह पभ १२८९ 307 कत्थइ जीवो १३८७ 346 कम्म परतंतओ चेव ७८४ 108 कम्म परतंतओ जं ८०७ 119 कम्मटिती सुरीहा । ९०२ 163 कम्म विवागातो -६७१ 60 कमकरणे पुण भणियं ७५९ 96 कम्मोदएण मणपरिणामे १२४३ 291 कयगत्ते कम्मस्सा ८५० 142 करणं अहापवत्तं १३१४ 317 कस्स व णाणुमत. ७२६ 86 कह दीसतित्ति ६०३ 26 काऊण इमं धम्म ६०४ 26 काऊण पगरणमिणं ६५८ 52 कारणगतो उ हेऊ ८४१ 138 कालाभावे लोकादि ९८३ 191 कालविवज्जय सामित्त १२०० 274 काल परिहाणिदोसा १२६८ 299 कालो उ भेदगो १३६३ 338 किं च इमोऽवयवाणं ९२१ 170 किंच इहं नीलातो १३३३ 327 किंच णियं चिय ७८७ 109 किंच तओ सद्दो १३२० 319 किंच विवेगप्पभवं ५६६१ किंचागारो ९९७ 195 किं चासिटुं नो ११९६ 272 किंची विसेसओ १२८२ 304 किंचेह सच्चपुव्वा ८१३ 121 किंचेहवाहिभेदा ८८१ 154 किन्न सहावो १०४५ 214 केई अमुत्तमेव १३२१ 319 केइ अदत्तादाणं १३६६ 339 केइ उ सहावच्चिय १३७३ 341 केइ तिसंथदुसंथा १३९१ 347 केई न वेदविहिता ६७३ 60 केइ पेच्छई ८९८ 162. केई भणंति पावा ९६४ 185 केई भणंति जगवं १३९५ 348 केहिचि परिग्गहितो ७७२ 102 कोहादिपगारेहि ११३७ 248 गाथाङ्क पृष्ठ खीणम्मि उदिन्नम्मि ८२५ 128 खीणा य तेण ८४० 136 खीणे दंसणमोहे ७७४ 103 गाथाङ्क पृष्ठ गंठित्ति सुदुब्भेदो १२६४ 298 गंथोवि होइ दुविहो १३८८ 346 गम्मइ न यागमातो ५४६ 1 गम्मति ण यागमातो ५८८ 20 गहणमणंताण ५९४ 22 गहितोवि अमोक्खाए ७८० 105 गहितो य अमोक्खाए ५८९ 20 गामादिपरिग्गहओ ५९३ 21 गाहगपमाणविरहो ७९० 111 गिहि भोगे जलमादी ५८३ 18 गिहिलिंगपि न एतं ८५१ 142 गुरुणावि न पडिकुटुं ९४० 175 गुस्लाघवचिन्ता रुला ५७२ 13 गोयं च दुविह ७९४ 112 १३५९ 337 घातिक्खयो निमित्तं ६४१ 46 घेत्तूण चाउलोदं १३७६ 342 १३९६ 348 चंदोव्व होइ ५६५ १ चउवेदो विहु ५७५ 15 चत्तघरवासाणं ८५४ 144 चरणपरिणामबीअं १०१४ 202 चरणपरिणामबीयं ७०६ -73 चरमावरणस्स खओ ६५७ 52 चरमावरणस्स खए ...६९४ 69 चारित्तं परिणामो १०२३ 206 चेतणस्वादीया १२५५ 295 चोएति कहं ९७७ 188 ६६८ 59 ९४७ 179 १२१५ 280 ७२३ 84 ८०५ 118 ५४९ 2 ६२७ 40 ९२६ 171 ७८१ 106 १२०७ 277 ८६२ 147 ६३९ 46 ९५६ 182 १३३६ 328 १३७४ 341 ८५९ 146 गाथाङ्क पृष्ठ ७९९ 115 ११७९ 263 ८०१ 117 गाथाङ्क पृष्ठ ७५३ 94 १०७० 225 ११५७ 255 १२९७ 311 ७६२ 98 ९३४ 174 ९५५ 182 १००४ 199 ६९३ 69 १०७८ 227 १०६८ 224 १०६६ 224 १०४० 212 ६२२ 38 गाथाङ्क पृष्ठ ८३९ 135 १०८६ 231 गाथाङ्क पृष्ठ ८१७ 124 १२३८ 289 १०१५ 202 १००२ 198 १००७ 200 ८३२ 133 ८४८ 141 ८५६ 145 ११९३ 271 ११३८ 248Page Navigation
1 ... 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 103 104 105 106 107 108 109 110 111 112 113 114 115 116 117 118 119 120 121 122 123 124 125 126 127 128 129 130 131 132 133 134 135 136 137 138 139 140 141 142 143 144 145 146 147 148 149 150 151 152 153 154 155 156 157 158 159 160 161 162 ... 392