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पट्टावली - पर्यवेक्षण | २५
ही नहीं, अपितु दृढ़ विश्वास है कि जैन इतिहास निर्माण समिति का सतत प्रयास इस दिशा में चालू रहेगा और जहाँ से भी पट्टावलियाँ तथा प्रशस्तियाँ उपलब्ध होंगी, उनका प्रकाशन होता रहेगा ।
मैं ग्रन्थ का हार्दिक अभिनन्दन करता हूं कि उन्होंने माँ भारती के भव्य भण्डार में ऐसी अनमोल कृति समर्पित की है। जैन इतिहास निर्माण समिति पण्डित प्रवर श्रद्धेय मुनिश्री हस्तीमल जी म० सा०से दिशा-निर्देश प्राप्त कर ऐसी और भी महत्वपूर्ण अन्वेषण प्रधान कृतियाँ समर्पित करेंगी, ऐसी आशा है ।
( पट्टावली प्रबन्ध संग्रह - प्रस्तावना)
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