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नया और पुराना दुनियामें नया तत्त्व कोई है भी नहीं। जो है, वह पुराना है, बहुत पुराना है। नयेका अर्थ है, पुरानेको प्रकाशमें लाना । जो आलोक बनकर पुरानेको प्रकाशित करता है वही नव-निर्माता है । संसारके जितने भी नव-निर्माता हुए हैं उन्होंने यही किया है - आलोक बनकर प्राचीनको नवीन बनाया है।
अकम्प
सदाचार उसीके पीछे चलता है, जो देश, काल और परिस्थितिके सामने नहीं झुकता।
भाव और अनुभाः
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