Book Title: Bhav aur Anubhav
Author(s): Nathmalmuni
Publisher: Bharatiya Gyanpith

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Page 125
________________ उपासनाका मर्म सम्प्रदाय छोटा होता है और सत्य बड़ा। बड़ेकी उपासना करनेवाला छोटेको स्वयं पा जाता है । छोटेकी उपासना करनेवाला बड़ेसे दूर रह जाता है। सत्यका ठेका तुम्हारे पास भी नहीं है और मेरे पास भी नहीं है। तुम जो कहते हो वही सत्य है और वह सत्य नहीं है, जो मैं कहता हूँ। इसका तुम्हारे पास क्या प्रमाण है ? भाव और अनुभाव १२३ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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