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निष्कर्ष
आग सबको जलाती है । सोना उसमें जल-जलकर चमक उठता है, इसीलिए तो वह सुवर्ण है । मुक्ताओंने अपना हृदय सौंपा, कलाकारने उन्हें एक सूत्रमें बाँधा, इसीलिए तो वे अलंकार है । प्रकाश अन्धकारको अपना गुण नहीं दे सका, इसीलिए तो वह आलोक है।
भाव और अनुभावः
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