Book Title: Bhaktamara Darshan
Author(s): Rajyashsuri
Publisher: Jain Dharm Fund Pedhi Bharuch

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Page 20
________________ Oou NARIYA "ભરૂચ જૈન સંઘ શ્રી જૈન ધર્મ ફંડ પેઢી ભરૂચ" (ગુજરાત) "तशतानुंतव्य..." પૂજ્યોના અંતરના આશિષે ભરૂચ શ્રી સંઘે "અશ્ચાવબોધ તીર્થ” અને "શકુનિકા વિહાર” તીર્થનો જિર્ણોદ્ધાર કરાવ્યો... અને પૂજ્યોની ભાવનાને વધાવી વિશ્વના સહુ પ્રથમ શ્રી ભક્તામર મંદિરથી પણ શ્રી ભરૂચ તીર્થને મંડિત કર્યું. આ જિર્ણોદ્ધાર ભારતના સમગ્ર જૈન સંઘના સર્વાગી સહકારને आभारी.छ... આજે પણ ભરૂચ શ્રી સંઘ પૂ. ગુરુદેવના પટ્ટાલંકાર શિષ્યરત્ન પ્રખર પ્રવચનકાર પૂ. આચાર્યદેવ શ્રીમદ્વિજય રાજયશસૂરીશ્વરજી મ.સા.ની આજ્ઞા અને આદેશ પાળવા તત્પર છે. ભરૂચના વિનીત અને કૃતજ્ઞ સંઘે પ્રસ્તુત ग्रंथ सर्डनमा बाधेर सामनी अनुमोहन.... HEA4 "श्री आदिनाथ जैन संघ चीकपेठ-बेंगलोर..." अनुमोदना आपकी... दक्षिण भारत में बेंगलोर नगर महान जैन केन्द्र है। श्री आदिनाथ चीकपेठ का मंदिर एवम् श्री संघ धर्म चेतना का आद्य केन्द्र बना है। लब्धि समुदाय के महात्माओं की आपने सविशेष कृपा पायी है। संघ के तत्त्वावधान में करीब दस से अधिक सफल संस्थाएँ लब्धि नाम से अंकित है। लब्धिसूरीश्वरजी जैन पाठशाला जिसका अर्ध शताब्दि महोत्सव इस वर्ष के चातुर्मास में मनाया गया। विक्रम संवत २०५२ का पू. पाद आचार्यदेव श्रीमद्विजय राजयशसूरीश्वरजी म.सा. का चातुर्मास ३६० सिद्धि तप के दिव्यनाद से गुंजित रहा। और भक्तामर स्तोत्र की गौरवमयी विशेष भक्ति से चीकपेठ आदिनाथ का मंदिर मुखरित हो गया। आपके महान ग्रंथ का संपादन कार्य भी यहाँ चला और ग्रंथ की डमी का देव समर्पण दिनांक २०-२-९७ आपके यहाँ ही हुआ। आपके संघ के सहकार की बहुत बहुत अनुमोदना... Jain Education Intestational 2010 04 A rwale sperdonalese p04 Sa hyam jame oray.

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