Book Title: Bhagwati Sutra Vyakhyan Part 03 04 Author(s): Jawaharlal Aacharya Publisher: Jawahar Vidyapith View full book textPage 7
________________ आचार्य श्री जवाहरलालजी म. सा. 1. देश मालवा गल गम्भीर उपने वीर जवाहर धीर 2. प्रभु चरणों की नौका में 3. तृतीयाचार्य का आशीर्वाद एवं ज्ञानाभ्यास प्रारम्भ 4. नई शैली 5. मैं उदयपुर के लिए जवाहरात की पेटी भेज दूंगा 6. जोधपुर का उत्साही चातुर्मास, दयादान के प्रचार का शंखनाद 7. जनकल्याण की गंगा बहाते चले 8. कामधेनु की तरह वरदायिनी बने कॉन्फ्रेंस 9. धर्म का आधार- समाज-सुधार 10. महत्त्व पदार्थ का नहीं, भावना का है 11. दक्षिण प्रवास में राष्ट्रीय जागरण की क्रांतिकारी धारा 12. वैतनिक पण्डितों द्वारा अध्ययन प्रारम्भ 13. युवाचार्य पद महोत्सव में सहज विनम्रता के दर्शन 14. आपश्री का आचार्यकाल- अज्ञान-निवारण के अभियान से आरम्भ 15. लोहे से सोना बनाने के बाद पारसमणि बिछुड़ ही जाती है 16. रोग का आक्रमण 17. राष्ट्रीय विचारों का प्रबल पोषण एवं धर्म-सिद्धांतों का नव विश्लेषण 18. थली प्रदेश की ओर प्रस्थान तथा 'सद्धर्ममंडन' एवं 'अनुकम्पाविचार' की रचना 19. देश की राजधानी दिल्ली में अहिंसात्मक स्वातंत्र्य-आंदोलन को सम्बल 20. अजमेर के जैन साधु सम्मेलन में आचार्यश्री के मौलिक सुझाव 21. उत्तराधिकारी का चयन-मिश्री के कुंजे की तरह बनने की सीख 22. रूढ़ विचारों पर सचोट प्रहार और आध्यात्मिक नव-जागृति 23. महात्मा गांधी एवं सरदार पटेल का आगमन 24. काठियावाड़-प्रवास में आचार्यश्री की प्राभाविकता शिखर पर 25. अस्वस्थता के वर्ष, दिव्य सहनशीलता और भीनासर में स्वर्गवास 26. सारा देश शोक-सागर में डूब गया और अर्पित हुए अपार श्रद्धा-सुमन परिशिष्ट सं. 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7Page Navigation
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