Book Title: Apbhramsa Bharti 1994 05 06
Author(s): Kamalchand Sogani, Gyanchandra Khinduka, Gopichand Patni
Publisher: Apbhramsa Sahitya Academy

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Page 10
________________ करकण्डुचरिठ में अनुप्रेक्षा का वर्णनकर आत्मार्थी को मानसिक दैनिक भोजन प्रदान किया है और संसार, शरीर व भोगों में लिप्त जगत को अनन्त सुखकारी मार्ग में प्रतिष्ठित करने का सफल प्रयास किया है । जिन विद्वानों ने अपने लेख भेजकर हमें सहयोग प्रदान किया है हम उनके आभारी हैं, भविष्य में भी सहयोग की अपेक्षा करते हैं। संस्थान समिति, सम्पादक मण्डल एवं सहयोगी कार्यकर्ताओं के भी आभारी हैं। मुद्रण हेतु जयपुर प्रिन्टर्स प्रा. लि., जयपुर धन्यवादाह है। (v) डॉ. कमलचन्द सोगाणी

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