Book Title: Apbhramsa Bharti 1994 05 06
Author(s): Kamalchand Sogani, Gyanchandra Khinduka, Gopichand Patni
Publisher: Apbhramsa Sahitya Academy

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Page 83
________________ अपभ्रंश - भारती 5-6 4. संस्कृत शतक परम्परा और आचार्य विद्यासागर के शतक, पृ. 304, डॉ. (श्रीमती) आशालता मलैया, जयश्री आइल मिल, दुर्ग, मई 1989 | 72 5. छहढाला 5.1-2, पं. दौलतरामजी, श्री दिगम्बर जैन स्वाध्याय मन्दिर ट्रस्ट, सोनगढ़, वीर नि. सं. 2505 । 6. ज्ञानार्णव, भावना अधिकार, 192, आचार्य शुभचन्द्र, जैन संस्कृति संरक्षक संघ, शोलापुर (महा.), वीर नि. सं. 2503 1 7. बारह भावना : एक अनुशीलन, पृ. 8, डॉ. हुकमचन्द भारिल्ल, पं. टोडरमल स्मारक ट्रस्ट, ए-4, बापूनगर, जयपुर-302015 | 8. सर्वार्थसिद्धि, 9.7 की टीका, आचार्य पूज्यपाद, भारतीय ज्ञानपीठ प्रकाशन, नई दिल्ली, 1971 I 9. बारह भावना : एक अनुशीलन, पृ. 79 1 10. वही, पृष्ठ 95 | मील रोड गंजबासौदा, विदिशा (म.प्र.)

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