Book Title: Anusandhan 2019 10 SrNo 78
Author(s): Shilchandrasuri
Publisher: Kalikal Sarvagya Shri Hemchandracharya Navam Janmashatabdi Smruti Sanskar Shikshannidhi Ahmedabad
View full book text
________________
ओक्टोबर - २०१९
१२. ऊर्ध्वलोकमां रहेली प्रतिमा ७ १२. ऊर्ध्वलोकमांनी प्रतिमा केवळ ७
हाथथी ५०० धनुष सुधीनी ऊंची हाथनी ज ऊंची होवानुं तेओ कहे
होवानुं कहे छे. १३. पूनम तथा अमासनी आराधना यति १३. पूनम तथा अमासनी आराधना
(साधु) तथा श्रावक बन्ने करे तेवू फक्त श्रावक ज करे तेवू कहे छे.
छे.
कहे छे.
१४. परपक्षी कृत चैत्यो पण मोक्ष माटे १४. परपक्षी कृत्त चैत्यने (वांदवा
वांदवायोग्य तथा पूजवायोग्य कहे पूजवा माटे) अन्य देवनी पेठे छे.
त्याज्य गणे छे. १५. समकितदृष्टि के मिथ्यादृष्टिवाळो १५. फक्त सम्यक्त्वधारीने ज तेओ
जीव होय परंतु धर्मनी रुचिवाळो क्रियावादी गणे छे.
होय तो तेने क्रियावादी गणे छे. १६. (केटलाक गच्छवाळा) श्रावको रात्रे १६. "रात्रे पोसह लइ सवारे छल्ला पहोरे
पोसह लइने प्रातःकाळे छल्ला सामायिक उच्चाराय" ए वचनने प्रहरमा सामायिक तो छ एवं माने उत्सूत्र माने छे.
१७. दिगम्बरादि श्रावकोने पण जैन कहे १७. दिगम्बरादि श्रावकोने जैन कहेवानो.
निषेध करे छे. १८. तीर्थंकरमां देवतत्त्व (पणुं) तथा १८. तीर्थंकरमां देवपणुं ज छे गुरुपणुं
गुरुतत्त्व (पणुं) बन्ने होय एम नथी एम कहे छे.
कहे छे. १९. नमि तथा विनमिने प्रसन्न थई १९. नमि तथा विनमिने धरणेंद्रे प्रसन्न
धरणेन्द्रे ४८००० विद्या आप्यानुं थई ४८ विद्याओ ज आपी होवार्नु कहे छे.
कहे छे. २०. पृथ्वीनी संख्या सात अथवा आठ २०. विमानने आधारभूत एक पृथ्वी ने माने छे.
__प्रतर-प्रतर दीठ पृथ्वीओ कहे छे.

Page Navigation
1 ... 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98