Book Title: Anusandhan 2019 10 SrNo 78
Author(s): Shilchandrasuri
Publisher: Kalikal Sarvagya Shri Hemchandracharya Navam Janmashatabdi Smruti Sanskar Shikshannidhi Ahmedabad

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Page 25
________________ अनुसन्धान-७८ शब्दकोश १. पाडइ = पाडामां, महोल्लामां २७. अधीत्य = कथित २. श्रुतलव = ज्ञाननो लेश २८. सविस्त्र = विस्तार सहित ३. नवलइ = नवा २९. माहू = ४. दंद = द्वन्द्व, झगडो ३०. गंडिका = नानी साइझनुं पुस्तक ५. गाढेरा = मोटा (?) ३१. तडोवडइ = समानपणे थाय ६. लवे = बोले ३२. उद्धत उनमाद = गविष्ट व्यक्तिना ७. आमलओ = द्वेष तोफान ८. अखइ = कहे ३३. ओदार = उदार ९. शयरि = शरीरथी ३४. बकई = बोले १०. आहेडी = शिकारी ३५. बोल्यो = डूबाड्यो ११. प्रवचन = परिखा - "प्रवचन- ३६. असरालि = सम्पूर्ण (?) परीक्षा" (ग्रन्थ, नाम) ३७. वडवडओ = प्रसिद्धि पाम्यो (?) १२. रती = एक नानुं माप, थोडंक . ३८. कहिण = कथन १३. मती = 'नहीं' ना अर्थमां ३९. फासू = प्रासुक, निर्दोष के निर्जीव १४. रोक = ४०. कसेलउ = कषायलो (तूरो स्वादनो) १५. झोटिंग = भूत, रखडेल माणस ४१. नीरिउ = ? (नीर्यु - पीरस्युं ?) १६. डींग = गपाटा ४२. सूझइ = वपराय-कल्पे-खपे १७. चूरणइ = चूर्णिमां ४३.खपी = श्रेयार्थी संयमनो अर्थी १८. कविल = कपिल (व्यक्ति नाम) ४४. मंख = भिक्षुक १९. मुणउ = जाणो ४५. नुकार = नवकार २०. सद्दहइ = स्वीकारे ४६. मणा = खामी २१. सागरमती = सागरमतवाळा ४७. निटोल = निर्लज्ज २२. तिसिउं = तेवू ४८. धणुही = धनुष्यमां २३. कालसत्यरी = काल सित्तरि (ग्रन्थ ४९. गोड = ? नाम) ५०.खोड = उणप २४. कूइ = कूवो ५१. नीड = (नेट-निश्चये)? २५. दूषी = खोटी पाडी, दूषित करी ५२. व्यासंग = आसक्ति २६. शिवाय = मोक्ष माटे

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