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विषय-सूची , समन्तभप्रभारती-देवागम-[ युगवीर ६५ . मौजमाबाद के जैन शस्त्र भण्डारमें उल्लेखनीय ग्रन्थ २ भगवान ऋषभदेवके अमर स्मारक
[परमानन्द शास्त्री ८. _ [५० हीरालाल सिद्धान्त शास्त्री ६७ ८ श्रमण संस्कृति में नारी३ दिल्ली और योगिनीपुर नामोंकी प्राचीनता
परमान्द शास्त्री [अगरचन्द नाहटा ७२ श्रामहितको बारें-लक मिद्धिमागर ८९ ४ निरतिवादी समता-सत्यभक -
७१ १० अहिंसा तत्व-[ परमानन्द शास्त्री ५ काक-पिक-परीक्षा-पं० हीरालाल सिद्धान्तशास्त्री ७८ ११ श्रद्धांजलि (कविता)-विनम्र ६ विश्वकी प्रशान्तिको दूर करनेके उपाय
१२ राजस्थानमें दासी प्रथा परमानन्द जैन [परमानन्द जैन १ १३ साहित्य परिचय और समालोचन परमानन्द जैन २६
अनेकान्तके ग्राहकोंको भारी लाभ
अनेकान्तके पाठकोंके लाभार्थ हाल में यह योजना की गई हैं कि इस पत्रके जो भी ग्राहक, चाहे वे नये हो या पुराने, पत्रका वार्षिक चन्दा ६) रु. निम्न पते पर मनोआर्डरसे पेशगी भेजेंगे वे १०) रु० मूल्यके नीचे लिखे ६ उपयोगी प्रन्थों को या उनमेंसे चाहे जिनको, वीरसेवामन्दिरसे अर्ध मूल्यमें प्राप्त कर सकेंगे
और इस तरह 'अनेकान्त' मामिक उन्हें १) रु० मूल्यमें ही वर्ष भर तक पढ़ने को मिल सकेगा। यह रियायत सितम्बरके अन्त तक रहेगी अतः प्राहकोंको शीघ्र ही इस योजनासे लाभ उठाना चाहिये। ग्रन्थोंका परिचय इस प्रकार है:१. रत्नकरण्डश्रावकाचारसटीक -पं० सदासुखजीकी प्रसिद्ध हिन्दीटीकासे युक्त, बड़ा
साइज, मोटा टाइप, पृ० ४२४, सजिल्द मूल्य ... २. स्तुविविद्या-स्वामी समन्तभद्र की अनोखी कृति, पापोंको जीतनेकी कला, सटीक, हिन्दी ।
टीकासे युक्त और मुख्तार श्रीजुगलकिशोरजी महत्वकी प्रस्तावनासे अलंकृत, पृ. २०० सजिल्द ॥) ३. अध्यात्मकमलमाताएड-पंचाध्यायीके कर्ता कविराजमल्लकी सुन्दर आध्यात्मिक रचना,
हिन्दी अनुवाद सहित और मुख्तार श्री जुगलकिशोर की खोजपूर्ण पृष्ठ की प्रस्तावनासे
भूषित, पृष्ठ २००, ... ४. भवणबेल्गोल और दक्षिणके अन्य जैनतीर्थ-जैनतीर्थोका सुन्दर परिचय अनेक
चित्रों सहित पृष्ठ १२० ... ... ... ... १) ५. श्रीपुरेपार्वरनाथस्तोत्र-प्राचार्य विद्यानन्दकी तत्वज्ञानपूर्ण सुन्दर रचना, हिन्दी अनुवादादि
___ सहित, पृष्ठ १२५ ... ... ... ... ) ६. अनेकान्त रस-लहरी-अनेकान्त जैसे गूदगम्भीर विषयको अतीव सरलतासे समझनेसमझाने की कुखी
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, " ) बीरसेवामन्दिर, १ दरियागंज देहली