Book Title: Anekant 1955 Book 13 Ank 01 to 12
Author(s): Jugalkishor Mukhtar
Publisher: Veer Seva Mandir Trust

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Page 349
________________ विषय - सूची , समन्तभद्रभारती - देवागम [पं० हीरालाल सिद्धान्त शास्त्री - [युगवीर . दिल्ली और उसके पाँच नाम२ डा० भायाणी एम. ए. की भारी भूल [पं. परमानन्द शास्त्री ८ रन राशि (कहानी)[जुगलकिशोर श्रीमनुज्ञानार्थी साहित्य रत्न ३ ममयसारकी १५वीं गाथा और श्री कानजी स्वामी . राजधानीमें वीरशासनजयन्ती और वीरसेवा[श्री जुगलकिशोर मुख्तार मन्दिर-नूतनभवनके शिलान्यासका महोत्सव ४ नाथ अब तेरा शरण गहूं (कविता: [परमानन्द जैन २७ [मनुज्ञानार्थी साहित्यरत्न ११. सम्पादकीय५ पुरातन जैन साधुओंका आदर्श " स्वागत गान (कविता)-ताराचन्द प्रेम ३१ [पं. हीरालाल शास्त्री .. १२ वीर सेवामन्दिरकी सेवाएं-व्यवस्थापक टा० . ३ । मूलाचारसे कर्तृत्व पर नया प्रकाश १३ हिसाबका संशोधन-[टाइटिल पेज अनेकान्तके ग्राहकोंको भारी लाम अनेकान्तके पाठकोंके लाभार्थ हाल में यह योजना की गई हैं कि इस पत्रके जो भी ग्राहक, चाहे वे नये हों या पुराने, पत्रका वार्षिक चन्दा ६) रु. निम्न पते पर मनोआर्डरसे पेशगी भेजेंगे वे १०) ० मूल्यके नीचे लिखे ६ उपयोगी ग्रन्थों को या उनमेंसे चाहे जिनको, वीरसेवामन्दिरसे अर्ध मूल्यमें प्राप्त कर सकेंगे और इस तरह 'अनेकान्त' मासिक उन्हें १) रु० मल्यमें ही वर्ष भर तक पढ़ने को मिल सकेगा। यह रियायत सितम्बरके अन्त तक रहेगी अतः प्राहकोंको शीघ्र ही इस योजनासे लाभ उठाना चाहिये। ग्रन्थोंका परिचय इस प्रकार है:१. रत्नकरण्डश्रावकाचारसटीक -पं० सदामुख जीकी प्रसिद्ध हिन्दीटीकासे युक्त, बड़ा साइज, मोटा टाइप, पृ० ४२४, सजिल्द, मूल्य २. स्तुतिविद्या-स्वामो ममन्तभद्रकी अनोखी कृति, पापोंको जीतनेकी कला, सटीक, हिन्दी टीकासे युक्त और मुख्तार श्री जुगलकिशोरजी महत्वकी प्रस्तावनासे अलंकृत, पृ० २०२सजिल्द ॥) ३. अध्यात्मकमलमार्ताण्ड-पंचाध्यायीके कर्ता कविराजमल्लकी सुन्दर आध्यात्मिक रचना, हिन्दी अनुवाद सहित और मुख्तार श्री जुगलकिशोर की खोजपूर्ण ७८ पृष्ठ की प्रस्तावनासे भूषित, पृष्ठ २००, ४. श्रवणबेन्गोल और दक्षिणके अन्य जैनतीर्थ-जैन तीर्थोका सुन्दर परिचय अनेक चित्रों सहित पृष्ठ १२० ... ५. श्रीपुरपाश्वनाथस्तोत्र-आचार्य विद्यानन्द की तत्वज्ञानपूर्ण सुन्दर रचना, हिन्दी अनुवादादि। ___ सहित, पृष्ठ १२५ ... ६. अनेकान्त रस-लहरी-अनेकान्त जैसे गूढगम्भीर विषयको अतीव सरलतासे समझने समझाने की कुञ्जी मैनेजर 'अनेकान्त' वीरसेवामन्दिर, १ दरियागंज देहली।

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