Book Title: Anekant 1955 Book 13 Ank 01 to 12
Author(s): Jugalkishor Mukhtar
Publisher: Veer Seva Mandir Trust

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Page 337
________________ २६] अनेकान्त [ वर्ष १३ (५) त्रिला कदर्थन - यह ग्रंथ स्वामी पात्रकंपरी- हम देश और समाजकी बहुत बड़ी सेवा कर रहे हैं। ऐसी कारचा हुआ है| श्रवणबेलगोलकं मन्निषेणप्रशस्ति नामक कोई नहीं होता पुरस्कार तो शिलालेख नं० ४४ (६७), सिद्धिविनिश्चय टीका और न्याय दर-मकार एवं सम्मान व्यक्र करनेका एक चिन्ह मात्र हे I विनिश्चय-विवरण में इसका उल्लेख है। वादिराजसृग्निं न्याय- ये तो जिस ग्रंथकी भी खोज लगाएंगे उसके 'उद्धारक' समके जाएंगे। --- त्रिलक्षण कदर्थने वा शास्त्रे विस्तरेण श्रीपात्र - कमरि-स्वामिना निपादनाविन्यमभिनिवेशेन आवश्यक निवेदन - इन प्रत्योंके उपलब्ध होनेपर साहित्य, इति श्रीर नवज्ञान विषयक नेत्रपर aer प्रकाश पड़ेगा और अनेक लकी हुई गुधियान इनकी खोज होनी बहुत ही आवश्यक है | अतः सभी विद्वानोंको यामकर जनकलिये शीघ्र ही पूरा प्रयत्न करना चाहिये. सारे शास्त्र भण्डारों की अच्छी होनी चाहिये। उन्हें पुरस्कारको रकमको देखकर यह देखना चाहिये कि इन ग्रन्थोंकी खोज द्वारा -- आचार्य श्री नमिसागरजीकी प्रदेशा आदिको पाकर वीरमेवामन्दिरको उसके साहित्यिक तथा ऐतिहासिक कामोंके लिए जिन सज्जनोंसे जो महायता प्राप्त हुई है उसकी सूची निम्न प्रकार है: १००१ सर्शक मंडली २५१ ) अखिल भा० द० जैन केन्द्रीय महा समिनि ५००) नाला रतनलाल सुकमाल चन्दजी. मेरठ ५००) डा० उत्तमचन्दजी, अम्बाला छावनी (३००) लाला मोतीलाल जी, ३४ दरियागंज देहखी २०१० मंसूरपुर वीर सेवामन्दिरको सहायता (१०१) ला०] हरिश्चन्द्र जी, देहली सहादरा १०)सीता जी मंसूरपुर पाि 30) १०१) जा० रामवसाद जी पंसारी, देहली १०१) ला• ज्योतिप्रसाद श्रीपालजी टाइप वाले देहली १०.) ० भी गोर जो मजन पुरस्कारके अधिकारी होकर भी पुरस्कार लेना नहीं चाहेंगे उनके पुरस्कारको रकम साहित्यिक शोधयोजक विभाग में जमा की जायगी और वह उनकी श्रोरसे किसी दूसरे ग्रंथकी खोज काममें लगाई जायगी। साथ ही उनका नाम उस ग्रन्थ उद्धारक' रूपमें प्रकाशित किया जायगा। जुगलकिशोर मुख्तार धष्ठाता 'वीरसेवामन्दिर १. दरियागंज, दिल्ली नोट- दुसरे पत्र सम्पादकले निवेदन है कि वे भी इस विज्ञप्तिको अपने-अपने पत्र में प्रकाशित करने की कृपा करें। -- २१) जाला जयन्तीप्रमादजी देहली २२) यत्रो मो २५) ० धूमसेन महावीरप्रसादजी कटरा सत्यनारायमा देहली ', २५) श्रीमती राजकली देवी अम्बहटा (सहारनपुर ) २५) ना० दाताराम जी, ७ दरियागंज देहली, २० केदारनाथ चन्द्रमान जी २१) श्री विजयरत्न जी . शिडी देहली फर्मा० १०) अज्ञात मार्फत ना० ज्योतिप्रसादजी टाइप बाल ५) श्रीमती तारादेव २) निवेदक राजकृष्ण जैन व्यवस्थापक वीरसेवा मन्दिर

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