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अहिंसा : व्यक्ति और समाज
आन्तरिक और कुल मिलाकर सात आधारभूत तत्त्व क्षमतायें अनिवार्य रूप से होनी चाहिएं : आध्यात्मिक-संवेगात्मक-कलात्मक सृजनशीलता, वैज्ञानिकतकनीकी सृजनशीलता, अहिंसक मूल्यों और तकनीकी कौशल को प्रभावी समस्या समाधान हेतु आपस में जोड़ने की क्षमता (नेतृत्व अनुयायी विकास), अहिसक उपक्रमों का ज्ञान (शोध, शिक्षा, उपयोग); और समस्या समाधान में लग जाने की क्षमता।
___ इस प्रकार की संस्था, यद्यपि वह छोटी है, परिणामस्वरूप आवश्यकतानिष्ठ सार्वभौम रूपान्तरण में एक "अहिंसक मस्तिष्क" का काम दे सकती है। यदि इसे उपयुक्त समर्थन दिया जाये तो यह ऐतिहासिक योगदान दे सकती है जो निम्नांकित के समकक्ष हो सकता है : भविष्य दृष्टि, बुद्धि तकनीकी का सामंजस्य, पुर्तगाल नौ-विमानचालक राजकुमार हेनरी का समुद्र-गमन कौशल, जिसने सार्वभौम खोजों के लिए समुद्रों में रास्ते बनाये, मन्हटन प्रोजेक्ट द्वारा उपलब्ध अणु बम्ब के नकारात्मक उदाहरण, नासा अपोलो प्रोजेक्ट द्वारा चन्द्रमा पर मानव की यात्रा का युग पुराना साकार स्वप्न । यह विचार कि अहिंसक सार्वभौम रूपान्तरण सम्भव है, कम चुनौतीवाला कार्य नहीं है, न कम महत्त्वपूर्ण है, तो वह पूर्णत: उपलब्ध किया जाने वाला भी है, यदि आवश्यक इच्छाशक्ति, बुद्धि बल और संसाधन, जैसे-आत्मा विज्ञान और कौशल उसमें पूरी तरह लगा दिये जायें।
संसार के दायें आधे भाग में सभी धर्मों, संस्कृतियों और कलाओं की अहिंसक-आध्यात्मिक बुद्धि का यथेष्ट उपयोग करने में यह संस्था समर्थ होनी चाहिए । इनमें बहाई सम्प्रदाय के अहिंसात्मक पहल, बुद्ध धर्म, ईसाई धर्म, हिन्दू धर्म, इस्लाम धर्म, जैन धर्म, यहूदी धर्म तथा वे सभी अन्य धर्म जिनमें स्वदेशीय लोगों के धर्म शामिल हैं। इनमें धर्म-निरपेक्ष दर्शनों के अहिंसक पहल भी सम्मिलित हैं, जैसे कि रूढ़िवाद उदारतावाद, समाजवाद, ग्रीनिज्म और भविष्यवाद । इनमें दृश्य और क्रियात्मक कलाओं जैसेपैन्टिङ ग, मूर्तिकला, काव्य, साहित्य, संगीत, नृत्य, नाटक और फिल्म आदि में निहित अहिंसात्मक प्रेरणाओं की खोज और विकास भी शामिल हैं।
संसार के बायें अर्द्ध भाग में इस संस्था को विभिन्न क्षेत्रों जैसेआचार-शास्त्र, मस्तिष्क विज्ञान, बायोकेमिस्ट्री, पोषण, मानसिक चिकित्सा विज्ञान, मनोविज्ञान, मानव-शास्त्र, भूगोल, अर्थशास्त्र समाजशास्त्र, राजनीतिशास्त्र, सूचना-विज्ञान, प्राकृतिक विज्ञान, इतिहास और भविष्य अध्ययन में उपलब्ध अहिंसानिष्ठ ज्ञान का यथेष्ट उपयोग करना होगा।
खगोल के मध्य भाग में अहिंसक नेतृत्व और अनुयाय के विभिन्न व्यवसायों और व्यक्ति, परिवार और समाज के दैनिक जीवन में पहल शक्ति का विकास करने के लिए मूल्यों एवं विज्ञान को एक साथ मिलाना होगा।
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