Book Title: Ahimsa Vani 1952 06 07 Varsh 02 Ank 03 04
Author(s): Kamtaprasad Jain
Publisher: Jain Mission Aliganj

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Page 7
________________ * अखिल विश्व जैन मिशन के प्रथम अधिवेशन * ५ धर्मभूषण, महिलारत्न सुश्री ब्रजवाला देवी, बारा - "इन्दौर का यह समारोह भगवान महावीर की जयन्ती पर विश्व के लिये आत्म कल्याण करने का सन्देश लेकर अज्ञान मिथ्यात्व से द्रवीभूत मनुष्यों को स्वार्थ पूर्ण विलास के युग में सच्चे त्यागा और कर्मठ बनने के लिये नव जीवन का संचार. . करेगा। - श्री. अ. वि. जैन मिशन का प्रचार गत गौरव के स्मरण के लिये पथ. प्रदर्शक बने । अतः मैं आपके समारोह का हृदय से अभिनंदन करती हूँ तथा उत्सव की सफलता चाहती हूँ।" सुश्री रूपवती देवी 'किरण', जबलपुर_ "मम्मेलन की सफलता चाहती हूँ। अहिंसा की पताका विश्व में फहरावे यही भावना है।" श्री शांतिकुमार ठवळी, देऊळगाँवराजा (मध्य प्रदेश) ___ "विश्व जैन मिशन" की हृदय से सफल उन्नति चाहता हूँ। जैन मंसार इसे तन मन धन से अपनावे । जैन दर्शन का इसी प्रकार से प्रकाश होगा। "अधिवेशन" सफल रहे-यही भावना है।" श्री हीरालाल जी नन्दलाल जी, पटना 'मेरी हार्दिक हप्तछा है कि यह उत्सव सफलता से मनाया जाये और जैन मिशन देश विदेशों में प्रचार अहिंसा धर्म का करता हुआ उन्नति की चरम सीमा को प्राप्त होवे।" श्री गणपति राय जी सेठी, लाडनें (राजस्थान) ____"श्री अखिल विश्व जैन मिशन ने जो इस अत्यल्प समय में ही देश व विदेशों में श्राश्चर्यजनक प्रचार व प्रसार किया है, वह निस्सन्देह प्रशंसनीय है। - ऐसे अभूतपूर्व उत्सव के समय में डा० कालीदास नाग, डा० एच० भष्टाचार्य, प्रो० वी० जी नय्यर व प्रो० कृष्ण दत्त वाजपेयी जैसे प्रकाण्ड विद्वानों का सहयोग भी अत्यन्त मौरवजनक सिद्ध होगा। . श्रापके इस महान् महोत्सव की हृदय से सफलता चाहता हूँ एवं श्राशा ही नहीं अपितुपूर्ण विश्वास है कि आप अपने पवित्र उद्देश्य में सफल होंगे।" श्री सू० ना० व्यास उज्जैन श्रायोजन की हृदय से सफलता चाहता हूँ।" श्रीमन्त सेठ ऋषभकुमार, बी० ए०, खुरई (सागर) हम प्रारम्भ से ही मिशन के कार्यों से प्रेम रखते हैं और उसके उत्कर्ष में सदा सक्रिय सहयोग भी देते रहते हैं । .....इम हृदय से मिशन की शुभकामना करते

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