Book Title: Ahimsa Vani 1952 06 07 Varsh 02 Ank 03 04 Author(s): Kamtaprasad Jain Publisher: Jain Mission Aliganj View full book textPage 5
________________ * अखिल विश्व जैन मिशन के प्रथम अधिवेशन * ३. जैन विश्वविद्यालय भी चालू करना उचित है। अधिवेशन सफल हो यह कामना है।" श्री रामप्रताप जी त्रिपाठी, स० मन्त्री, हिन्दी साहित्य सम्मेलन, प्रयाग-: - "दश लक्षणात्मक भारतीय धर्म का "अहिंमा परमोधर्मः" मिद्धान्त ही जैन धर्म की सत्ता है। हजारों वर्ष पूर्व जब भारतीय समाज में हिंमा, घृणा, ऊँचनीच के भेद-भाव और अनाचार का प्रभाव बढ़ रहा था उस समय जैन धर्म ने 'अहिंसा' सिद्धान्त का सार्वजनिक प्रचार करके दूषित समाज को पतन से बचाने का पुण्य कार्य किया था। शताब्दियों बाद अब फिर उसी कुप्रवृत्ति और अनाचार का इतिहास अपने को दोहरा रहा है। संसार विषमता, घृणा और हिंसा की वैतरणी में बहा चला जा रहा है। ऐसे दुर्द्धर्षकाल में अखिल विश्व जैमिशन का यह प्रयत्न इतिहास में एक नवीन अध्याय जोड़ने जा रहा है। __भारत के भौगोलिक केन्द्र इन्दौर में प्रायोजित जैन मिशन का यह प्रथम अधिवेशन निःसन्देह सांस्कृतिक और ऐतिहासिक महत्व रखता है। हमें विश्वास है कि राम, कृष्ण, बुद्ध, महावीर और गाँधी के शाश्वत सन्देश जैन मिशन के माध्यम से हिंसा, घृणा, से त्रस्त-ग्रस्त विश्व को शान्ति, शिव और सत्य के पक्ष पर चलने के लिए प्रबुद्ध बनायेगा। अधिवेशन की सफलता तथा व्यापकता के लिए हमारी शुभकामनायें स्वीकार करें।" श्रीमान् सर भागचन्द्र जी सोनी, अजमेर ___ "अापके द्वारा आयोजित यह अधिवेशन तथा सांस्कृतिक सम्मेलन सानन्द सम्पन्न हो, यही मेरी हार्दिक मनोकामना है। मिशन द्वारा देश विदेशों में विश्व कल्याणकारी जैन सिद्धान्तों का खूब प्रचार हो, यही मेरी भावना है।" बा० भू० श्री लालचन्द्र जी सेठी, उज्जैन ___ "यह जानकर प्रसन्नता हुई कि श्री अखिल विश्व जैन मिशन का प्रथम अधिवेशन मध्यभारत शाखा, द्वारा संस्था के चतुर्थ वर्ष प्रवेश के अवसर पर इन्दौर में मनाया जा रहा है। मैं अधिवेशन की पूर्ण सफलता चाहता हूँ।" श्री बै० इब्राहीम, जनरल मैनेजर, दी कन्हैयालाल मिल्स, इन्दौर - "विश्व जैन मिरान के प्रथम अधिवेशन का निमंत्रण पत्र प्राप्त हुआ तदर्थ अनेकानेक धन्यवाद। यह सन्देश एवं इससे सभी ऊपर के सन्देश अंग्रेजी में पाए थे उनका हिन्दी अनुवाद प्रस्तुत किया जा रहा है । मूल अंग्रेजी, 'दी वापस भाव अहिंसा" द्विमासिक पत्रिका के मई-जून के अंक में देखिए ।Page Navigation
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