Book Title: Agam Sudha Sindhu Part 03
Author(s): Jinendravijay Gani
Publisher: Harshpushpamrut Jain Granthmala

View full book text
Previous | Next

Page 355
________________ 782 ] - / श्रीमदागमसुधासिन्धुः तृतीयो विभागः तेउलेस्सा इत्थिवेयगपुरिसवेयगा य अब्भहिया नपुसगवेदगा न भन्नंति सेसं तं चे सव्वत्थ पढमबितिया भंगा, एवं जाव थणियकुमारस्स, एवं पुढविकाइयस्सवि श्राउकाइयस्सवि जाव पंचिंदियतिरिक्खजोणियस्सवि सव्वत्थवि पढमबितिया भंगा नवरं जस्स जा लेस्सा, दिट्ठी णाणं अन्नाणं वेदो जोगो य जं जस्स अस्थि तं तस्स भाणियव्वं सेसं तहेव, मणूसस्स जच्चेव जीवपदे वत्तव्वया सच्चेव निरवसेसा भाणियव्वा, वाणमंतरस्स जहा असुरकुमारस्स, जोइसियस्स वेमाणियस्स एवं चेव नवरं लेस्सायो जाणियव्वाश्रो, सेसं तहेव भाणियव्वं // सूत्रं 812 // जीवे णं भंते ! नाणावरणिज्ज कम्मं किं बंधी बंधइ बंधिस्सइ एवं जहेव पावकम्मस्स वत्तव्वया तहेव नाणावरणिजस्सवि भाणियब्वा, नवरं जीवपदे मणुस्सपदे य सकसाई जाव लोभकसाइंमि य पढमबितिया भंगा अवसेसं तं चेव जाव वेमाणिया, एवं दरिसणावरणिज्जेणवि दंडगो भाणियव्वो निरवसेसो 1 / जीवे णं भंते ! वेयणिज्जं कम्मं किं बंधी पुच्छा, गोयमा ! अत्यंगतिए बंधी बंधइ बंधिस्सइ 1 अत्थेगतिए बंधी बंधइ न बंधिस्सइ 2 प्रत्येगतिए बंधी न बंधइ न बंधिस्सइ 4, सलेस्सेवि एवं चेव ततियविहूणा भंगा, कराहलेस्से जाव पम्हलेस्से पढमबितिया भंगा, सुकलेस्से ततियविहूणा भंगा, अलेस्से चरिमो भंगो, कराहपक्खिए पढमबितिया भंगा, सुक्कपक्खिया ततियविहूणा, एवं सम्मदिहिस्सवि, मिच्छादिट्ठिस्स सम्मामिच्छादिहिस्स य पढमबितिया, णाणस्स ततियविहूणा आभिणिबोहियनाणी जाव मणपजवणाणी पढमबितिया केवलनाणी ततियविहूणा, एवं नोसन्नोवउत्ते अवेदए अकसायी सागारोवउत्ते अणागारोवउत्ते एएसु ततियविहूणा, अजोगिम्मि य चरिमो, सेसेसु पढमबितिया 2 / नेरइए णं भंते ! वेयणिज्ज कम्मं बंधी बंधइ एवं नेरतिया जाव वेमाणियत्ति जस्स जं अस्थि सव्वयव पढमवितिया, नवरं मणुस्से जहा जीवो, जीवे णं भंते ! मोहणिज्ज कम्मं किं बंधइ ?, जहेव

Loading...

Page Navigation
1 ... 353 354 355 356 357 358 359 360 361 362 363 364 365 366 367 368 369 370 371 372 373 374 375 376 377 378 379 380 381 382 383 384 385 386 387 388 389 390 391 392 393 394 395 396 397 398 399 400 401 402 403 404 405 406 407 408 409 410 411 412 413 414 415 416 417 418