Book Title: Agam Sudha Sindhu Part 03
Author(s): Jinendravijay Gani
Publisher: Harshpushpamrut Jain Granthmala

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Page 394
________________ श्रीमद्व्याख्याप्रज्ञप्ति(श्रीमद्भगवति)सूत्रं :: शतकं 35 // अवांतर श० 1 उ०१] / 821 1.10-11-12 // सेवं भंते ! 2 ति जाव विहरइ // सूत्रं 854 // एगिदियसेदीप्सयाइं समत्ताई // एगिदियसेढिसयं चउतीसइमं समत्तं // // इति चतुस्त्रिंशत्तम शतकम् // 34 // // अथ एकेन्द्रियराशिनामकं पञ्चविंशत्तमं शतकम् // कइ णं भंते ! महाजुम्मा पन्नत्ता ? गोयमा ! सोलस महाजुम्मा पराणत्ता, तंजहा-कडजुम्मकडजुम्मे 1 कडजुम्मतेश्रोगे 2 कडजुम्मदावर. (बादर, वातर)जुम्मे 3 कडजुम्मकलियोगे 4 तेश्रोगकडजुम्मे 5 तेश्रोगतेयोगे 6 तेश्रोगदावरजुम्मे 7 तेश्रोगकलियोए 8 दावरजुम्मकडजुम्मे 1 दावरजुम्मतेश्रोए 10 दावरजुम्मदावरजुम्मे 11 दावरजुम्मकलियोगे 12 कलियोगकडजुम्मे 13 कलियोगतेश्रोगे 14 कलियोगदावरजुम्मे 15 कलियोगकलियोगे 16, 1 / से केणट्टे भंते ! एवं वुच्चइ सोलस महाजुम्मा पराणत्ता, तंजहा-कडजुम्मकडजुम्मे जाव कलियोगकलियोगे?,गोयमा! जे णं रासी चउक्कएणं अवहारेणं अवही(हा)रमाणे चउपन्जवसिए जे णं तस्स रामिस्स अवहारसमया तेवि कडजुम्मा सेत्तं कडजुम्मकडजुम्मे 1 / जे णं रासी चउक्कएणं अवहारेणं अवहीरमाणे तिपज्जवसिए जे णं तस्स रासिस्स अवहारसमया कडजुम्मा सेत्तं कडजुम्मतेयोए 2, जे णं रासी चउकएणं अवहारेणं अबहीरमाणे दुपजवसिए जे [ तस्स रासिस्स अवहारसमया कडजुम्मा सेत्तं कडजुम्मदावरजुम्मे 3, जे णं रासीचउकएणं अवहारेणं अबहीरमाणे एगपजवसिए जे णं तस्स रासिस्स अवहारसमया कडजुम्मा सेत्तं कडजुम्मकलियोगे 4, जे ण रासीचउक्कएणं अवहारेणं अवहीरमाणे चउपजवसिए जे णं तस्स रासिस्स अवहारसमया तेयोगा सेत्तं तेश्रोगकडजुम्मे 5, जे णं रासी चउकएणं अवहारेणं अवहीरमाणे तिपज्जवसिए जे णं तस्स रासिस्स अवहारसमया तेश्रोगा सेत्तं तेश्रोगतेश्रोगे 6, जे णं

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