Book Title: Agam Sudha Sindhu Part 03
Author(s): Jinendravijay Gani
Publisher: Harshpushpamrut Jain Granthmala

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Page 410
________________ श्रीमद्व्याख्याप्रज्ञप्ति (श्रीमद्भगवती) सूत्रं " शतकं 40 // उद्देशकः 2 ] [ 837 करेंति ?, णो तिण? सम? 14 / रासीजुम्मकडजुम्म-असुरकुमारा णं भंते ! कयो उववज्जति?, जहेव नेरतिया तहेव निरवसेसं एवं जाव पंचिंदियतिरिक्खजोणिया नवरं वणस्सइकाइया जाव असंखेज्जा वा अणंता वा उववज्जति सेसं एवं चेव 15 / मणुस्सावि एवं चेव जाव नो श्रायजसेणं उववज्जंति प्रायजसेणं उववज्जति 16 / जइ प्रायजसेणं उववज्जंति किं पायजसं उवजीवंति प्रायजसं उवजीवंति ?, गोयमा ! प्रायजसंपि उवजीवंति श्रायजसंपि उवजीवंति 17 / जइ श्रायजसं उवजीवंति कि सलेस्सा अलेस्सा ?, गोयमा ! सलेस्सावि अलेस्सावि 18 / जइ अलेस्सा किं सकिरिया अकिरिया ?, गोयमा ! नो सकिरिया अकिरिया 11 / जइ अकिरिया तेणेव भवग्गहणेणं सिझति जाव अंतं करेंति ?, हंता सिझंति जाव अंतं करेंति 20 / जइ सलेस्सा किं सकिरिया अकिरिया ?, गोयमा ! सकिरिया नो अकिरिया 21 / जइ सकिरिया तेणेव भवग्गहणेणं सिझति जाव अंतं करेंति ?, गोयमा ! अत्थेगइया तेणेव भवग्गहणेणं सिझति जाव अंतं करेंति अत्यंगझ्या नो तेणेव भवग्गहणेणं सिझंति जाव अंतं करेंति 22 / जइ प्रायजसं उवजीवंति किं सलेस्सा अलेस्सा ?, गोयमा ! सलेस्सा नो अलेस्सा 23 / जइ सलेस्सा किं सकिरिया थकिरिया ?, गोयमा ! सकिरिया नो अकिरिया 24 / जइ सकिरिया तेणेव भवग्गहणेणं सिझति जाव अंतं करेंति ?, नो इम? समढे 25 / वाणमंतरजोइसियवेमाणिया जहा नेरइया 26 / सेवं भंते ! 2 ति जार विहरइ 27 / रासीजुम्मसए पढमो उद्दसत्रो // 41-1 // रासीजुम्मतेयोयनेरइया णं भंते ! को उववज्जति ?, एवं चेव उद्दे सश्रो भाणियवो नवरं परिमाणं तिनि वा सत्त वा एकारस वा : पन्नरस वा संखेजा वा असंखेजा वा उववज्जति संतरं तहेब 1 / ते णं भंते ! जीवा जं समयं तेयोगा तं समयं. कडजुम्मा जं समयं कडजुम्मा तं समयं तेयोगा ?, णो

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