Book Title: Agam 43 Uttarjjhayanam Chauttham Mulsuttam Mulam PDF File
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Deepratnasagar

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Page 6
________________ । [३१] कालेण निक्खमे भिक्खू , कालेण य पडिक्कमे कालं च विवज्जिता , काले कालं समायरे ।। [३२] परिवाडीए न चि द्वेज्जा, भिक्खू दत्तेसणं चरे । अज्झयणं-१ पडिरूवेण एसित्ता , मियं कालेण भक्खए || [३३] नाइदूरमणासन्ने, नन्नेसिं चक्खुफासओ एगो चि द्वेज्ज भत्त हा, लंघित्ता तं नइक्कमे ।। नाइउच्चे व नीए वा , नासन्ने नाइदूरओ । फासुयं परकडं पिं डं, पडिगाहेज्ज संजए || [३५] अप्पपाणेऽप्पबीयंमि, पडिच्छन्नंमि संवुडे समयं संजए भुंजे , जयं अपरिसाडियं || [३६] सुकडित्ति सुपक्कित्ति , सुच्छिन्ने सुहडे मडे । सुनिट्ठिए सुल द्धित्ति, सावज्जं वज्जए मु नी ।।। [३७] रमए पं डए सासं , हयं भदं व वाहए बालं सं मइ सासंतो , गलियस्सं व वाहए || [३८] खड्डुया मे चवेडा मे , अक्कोसा य वहा य मे । कल्लाणमनुसासंतो, पावदिद्वित्ति मन्नई ।। पुत्तो मे भाय नाइ त्ति , साहू कल्लाण मन्नई । पावदिटठि 3 अप्पाणं , सासं दासे त्ति मन्नई ।। न कोवए आयरियं , अप्पाणंपि न कोवए। बुद्धोवघाई न सिया , न सिया तोत्तगवेसए || आयरियं कुवियं नच्चा , पत्तिएण पसायए । विज्झवेज्ज पंजलीउडो , वएज्ज न पु णोत्तिय ।। धम्मज्जियं च ववहारं , बुद्धेहायरियं सया । तमायरंतो ववहारं , गरहं नाभिगच्छई ।। मनोगयं वक्कगयं , जाणित्तायरियस्स उ । तं परिगिज्झ वायाए , कम्मुणा उववायए || [४४] वित्ते अचोइए निच्चं , खिप्पं हवइ सुचोइए जहोवइ8 सुकयं , किच्चाई कुव्वई सया ।। [४५] नच्चा नमइ मेहावी , लोए कित्ती से जायए हवई किच्चाणं सरणं , भूयाणं जगई जहा || [४६] पुज्जा जस्स पसीयं ति, संबुद्धा पुव्वसंथुया । पसन्ना लाभइस्संति , विउलं अट्ठियं सुयं ।। [४७] स पुज्जसत्थे सुवि नीयसंसए, मनोरुई चिट्ठइ कम्मसंपया । तवोसमायारिसमाहिसंवुडे, महज्जुई पंच वयाइं पालिया ।। दीपरत्नसागर संशोधितः] [5] [४३-उत्तरज्झयण]

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