________________
आभार इस सूत्र का (गुजराती) अनुवाद करते समय डॉक्टर शूबिंग, प्रोफेसर अभ्यंकर, डॉक्टर जीवराजमाई, पूज्य श्री. अमोलक ऋषिजी महाराज, तथा उपाध्याय श्रो. आत्मारामजी महाराज के अनुवादों की यथावकाश मदद ली गई हैं और प्रोफेसर अभ्यंकर, डॉक्टर शूब्रिग तथा उपाध्यायजीकी प्रस्तावनाओंमें से उपयोगी प्रमाण मी लिये हैं, उन सबका मैं हार्दिक आभार मानता हूं।
श्री. उत्तराध्ययन के अनुवाद की अपेक्षा इस अनुवाद में मी मेरे गुरुदेव के निरीक्षण का कुछ कम भाग नहीं है । उनका आभार जड़ शब्दों में कैसे प्रदर्शन किया जा सकता है ! इसी प्रकार अन्य सज्जनों का, जिनने इस तथा अन्य पुस्तकों के प्रकाशन में बहुत कुछ परिश्रम एवं कष्ट उठाया है उन सबकी सेवा वाचकों को साभार स्मरण करते हुए मैं इसे यही समाप्त करता हूं।
संतबालं