Book Title: Agam 36 Chhed 03 Vyavahara Sutra Bhashya
Author(s): Sanghdas Gani, Kusumpragya Shramani
Publisher: Jain Vishva Bharati
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परिशिष्ट-४
[७७
प्र.गाथा
सं.गाथा
प्र.गाथा
सं.गाथा
प्र.गाथा
सं.गाथा
प्र.गाथा
सं.माथा
६६
६६
४०४ ४०५
५६० ५६१
४०६
५६२
७१
३७२ ३७३ ३७४ ३७४ ३७५ ३७६
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ر
३७७
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उगा' १०५ १०६ १०७ १०८ १०६ ११० १११ ११२ ११३
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१२६
१. मुद्रित टीका में ३७४ की संख्या पुनरुक्त हुई है। २. मुद्रित टीका में ६२४ से ६६० तक की गाथाओं के क्रमांक नहीं दिए हैं। बीच में ६२६ की गाथा मुद्रित टीका में नहीं है। ३. मुद्रित टीका में ६१ की संख्या दो बार छपी है। ४. उद्धृत गाथा।
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