Book Title: Agam 36 Chhed 03 Vyavahara Sutra Bhashya
Author(s): Sanghdas Gani, Kusumpragya Shramani
Publisher: Jain Vishva Bharati

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Page 857
________________ २६२] व्यवहार भाष्य ग्रन्थ नाम लेखक, संपा. संस्करण प्रकाशक राजप्रश्नीय टीका आ. मलयगिरि वि. सं. १६६४ | गूर्जर ग्रन्थ रत्न कार्यालय, अहमदाबाद गुजरात साहित्य एकेडमी, गांधीनगर वसुदेवहिंडी प्र. सं. १९८६ संघदासगणि सं. मुनि चतुरविजयजी मुनि पुण्यविजयजी विशेषणवती विशेषावश्यकभाष्य आ. जिनभद्रगणि क्षमाश्रमण | वीर सं. २४८६ आ. मलधारी हेमचन्द्र वीर सं. २४८६ दिव्य दर्शन कार्यालय, अहमदाबाद दिव्य दर्शन कार्यालय, अहमदाबाद । विशेषावश्यकभाष्य मलधारीयटीका | - विशेषावश्यकभाष्य स्वोपज्ञटीका आ. जिनभद्रगणि क्षमाश्रमण सं. दलसुख भाई मालवणिया सं. मुनि माणेक लालभाई दलपतभाई, भारतीय संस्कृति विद्यामन्दिर, अहमदाबाद वकील त्रिकमलाल अगरचन्द सन् १६२८ व्यवहारभाष्य (मलयगिरि टीका सहित) व्यवहारसूत्र (नवसुत्ताणि) । सन् १९८७ जैन विश्व भारती, लाडनूं व्यवहार टीका वा. प्र. आचार्य तुलसी सं. युवाचार्य महाप्रज्ञ आ. मलयगिरि सं. मुनि माणेक सं. राधाकांत देव सन् १६२८ वकील त्रिकमलाल अगरचन्द, अहमदाबाद चौखम्बा संस्कृत सिरीज, वाराणसी शब्दकल्पद्रुम भाग ५ वि. सं. २०२४ (तृतीय संस्करण) षट्खंडागम सन् १६४२ सेठ शीतलराय लक्ष्मीचन्द्र, अमरावती आ. पुष्पदंत, भूतबलि, सं. हीरालाल जैन पं. पन्नालाल सोनी षट्प्राभृत वि. सं. १९७७ श्री माणिकचन्द्र दिगंबर जैन ग्रन्थमाला समिति, बम्बई अहिंसा मन्दिर प्रकाशन, देहली जैन विश्व भारती, लाडनूं, राज. समयसार समवाओ सन् १९८४ - सामाचारी शतक आचार्य कुन्दकुन्द वा. प्र. आचार्य तुलसी सं. युवाचार्य महाप्रज्ञ समयसुन्दरगणि देवेन्द्र मुनि आ. भद्रबाहु सं. समणी कुसुमप्रज्ञा वि. सं. १६६६ जिनदत्तसूरि ज्ञान भण्डार, सूरत भारतीय विद्या प्रकाशन, वाराणसी १६७० साहित्य और संस्कृति सूत्रकृतांग नियुक्ति सम्पादित, अप्रकाशित Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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