Book Title: Agam 36 Chhed 03 Vyavahara Sutra Bhashya
Author(s): Sanghdas Gani, Kusumpragya Shramani
Publisher: Jain Vishva Bharati

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Page 846
________________ परिशिष्ट-२० [ २५१ वल्ली परमोधिजिण (परमावधिजिन) पुव्वधर (पूर्वधर) पेढियधर (पीठिकाधर) संजोगदिट्ठपाढि (संयोगदृष्टपाठी) (गा. ५१४) (गा. ४४३) (गा. ४०४) (गा. २४२४) तंबोल (ताम्बूल) तउसि (ककड़ी) मुद्दिया (मुद्रिका) लोमसिया (ककड़ी) वत्थूल (बथुआ) (गा. ३७४४) (गा. ३७४४) (गा. ३७४४) (गा. ३७४४) (गा. ३७४४) वस्त्र अंडज (अंडों से उत्पन्न) कंबलग (कंबल) कीडज (कीड़ों से उत्पन्न) कोटुंब (गौडदेशोद्भव) बालज (बालों से निष्पन्न) वागज (वल्कल से निष्पन्न) सिंधवय (सिंधु देश में उत्पन्न) (गा. ३७३६) (गा. ११३२) (गा. ३७३६) (गा. २८६५) (गा. ३७३६) (गा. ३७३६) (गा. २८६५) वासुदेव तिविट्ठ (त्रिपृष्ठ) (गा. २६३८) वृक्ष उंबर (उम्बर) (गा. ३८७७) एरंड (एरंड) (गा. ५४२) करील (करील) (गा. १३६५) चिंच (इमली) (गा. ३७४४) जंबु (जंबू) (गा. २८८०) तल (ताडवृक्ष) (गा. ३७४४) तिणिस (तिनिश) (गा. २७७८) नालिएर (नारियल) (गा. ३७४४) पलंब (ताड़) (गा. १८४) फणस (पनस) (गा. ३७४४) मत्तंग (कल्पवृक्ष) (गा. १५३४) वंसी (बांस का वृक्ष) (गा. ४४२४) वड (वट) (गा. २८८०) साधु एवं गृहस्थ के उपकरण उक्खल (ऊखल) (गा. ३८५३) उवाणह (जूता) (गा. ४३७०) कंबी (यष्टिविशेष) (गा. ३४६६) कच्चग (पात्र) (गा. ३५०६) कत्तिल्ल (कैंची) (गा. ३५०६) कमढग (पात्रविशेष) (गा. ३६३३) कुंभ (घट) (गा. २) कुड (घट) (गा. ५०६, ५०८) कोवीण (कोपीन) (गा ११५८) घड (घट) (गा. ६६१) चालणी (चालनी) (गा. ४६४६) चिलिमिलि (पर्दा) (गा. ३०६५) चोलपट्ट (चोलपट्ट) (गा. ८६४) छत्त (छत्र) (गा. ३५०६) थाल (पात्र) (गा. ६३३) थालि (पात्र) (गा. ८२०) वाहन नावा (नाव) (गा. ११०) पोत (जहाज) (गा. ७५०) भंडी (बैलगाड़ी) (गा ४४६) रध (रथ) (गा. ६५६) सगड (बैलगाड़ी) (गा ४५१) विशिष्ट मुनि कप्पधर (कल्पधर) (गा. ४०३) चोद्दसपुब्बि (चतुर्दशपूर्वी) (गा. १५३०, १५३६, २६६५) दसपुब्बि (दशपूर्वी) (गा. ४०३, ३१८, ५१४, १५२४, २६६५) नववि (नवपूर्वी) (गा. ४०३, ३१८, ५१४, २६६५) निज्जुत्तिधर (नियुक्तिधर) (गा. ४०४) पकप्पधर (प्रकल्पधर) (गा. १५२३) पकप्पधारि (प्रकल्पधारी) (गा. ४०३, १५३०, २३८६) Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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