Book Title: Agam 24 Chhed 01 Nishith Sutra Sthanakvasi
Author(s): Ghasilal Maharaj
Publisher: A B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti
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॥ षष्टोद्देशकःः ॥
जे भिक्खू माउग्गामं मेहुणवडियाए विष्णवे विणवेंतं वा साइज्जइ ॥ १ ॥ जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए हत्थकम्मं करेइ करेंतं वा साइज्जइ ॥ २॥ जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए अंगादाणं कट्ठेण वा किलिचेण वा अंगुलियाए वा सलागाए वा संचालेइ संचालेंत वा साइज्जइ ||३||
जे भिक्खू माउग्गामस्त मेहुणवडियाए अंगादाणं संवाहेज्ज वा पलिमद्देज्ज वा संवातं वा पमितं वा साइज्जइ ॥४॥
जे भिक्खू माउरगाम मेहुणवडियार अंगादाणं तेल्लेण वा घरण वा बसाए वा नवणीण वा अब्भंगेज्ज वा मक्खेज्ज वा अभंगेतं वा मक्तं वा साइज्जइ ||५||
जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए अंगादाणं कक्केण वा लाद्वेण वा पउमचुणेण वा सिणाणेण वा पहाणेण वा चुण्णेहिं वा वण्णेहिं वा उच्चट्टेइ वा परिवडे वा उव्वतं वा परिवतं बा साइज्जइ || ६ ||
जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए अंगादाणं सीओदगवियडेण वा उसिणादगवियडेण वा उच्छोलेज्जवा पधोवेज्ज वा उच्छोलेंतं वा पधोवेंतं वा साइज्जइ ॥७॥ जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए अंगादाणं णिच्छल्लेइ णिच्छल्लेतं वा
साइज्जइ ॥८॥
जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए अंगादाणं जिग्घर जिग्घतं वा साइज्जइ । जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए अंगादाणं अन्नयरंसि अचित्तंसि सोयंसि अणुपवेत्ता सुक्कपोगले निम्याएइ निघाएंतं वा साइज्जइ ॥१०॥
जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए अवाउडि सयं कुज्जा संयं ब्रूया करेंतं वा बूतं वा साइज्जइ ॥११॥
जे भिक्खू माउरगामस्स मेहुणवडियाए कलहं कुज्जा कलहं बूया कलहवडियाए बूया कलहवडिया गच्छ बूतं वा गच्छतं वा साइज्जइ ॥ १२ ॥
जे भिक्खू माउम्गामस्स मेहुणवडियाए लेहं लिहइ लेहं लिहावेइ लेहवडियाए वा गच्छ गच्छंतं वा साइज्जइ ॥ १३ ॥
जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए पोसंतं वा पितंवा सोयंतं वा भल्लायएण उप्पाएइ उप्पाएंतं वा साइज्जइ ॥ १४ ॥
શ્રી નિશીથ સૂત્ર